एम्स ऋषिकेश सिखा रहा बिना डॉक्टर के जान बचाने की कला , जानिए कैसे

एम्स ऋषिकेश सिखा रहा बिना डॉक्टर के जान बचाने की कला , जानिए कैसे

ऋषिकेश, 11  जून – एम्स ऋषिकेश के सोशल आउटरीच सेल के तत्वावधान में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन “सोशल आउटरीच एंड प्राइमरी केयर रिसर्च सेंटर” में बुधवार को वर्कप्लेस फर्स्ट एड, बेसिक लाइफ सपोर्ट (BLS) और होम हेल्थ एड का व्यवहारिक प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आमजन को आपातकालीन चिकित्सा सहायता देने में दक्ष बनाना है।

कार्यक्रम का आयोजन एम्स की कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ प्रो. डॉ. मीनू सिंह के मार्गदर्शन में हुआ। इसमें आशा कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवकों और वरिष्ठ नागरिक कल्याण संगठन के सदस्यों को व्यावहारिक रूप से प्रशिक्षित किया गया, ताकि वे आकस्मिक परिस्थितियों में जीवन रक्षक सहायता प्रदान कर सकें।

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सोशल आउटरीच सेल के नोडल अधिकारी डॉ. संतोष कुमार ने प्रतिभागियों को प्राथमिक उपचार की व्यावहारिक विधियां सिखाईं। प्रशिक्षण के दौरान उच्च रक्तचाप, मधुमेह, चोट, लाइफस्टाइल रोगों की पहचान और जागरूकता से संबंधित सत्र भी आयोजित किए गए। उन्होंने बताया कि इस पहल का मकसद ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्राथमिक चिकित्सा के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।

इस प्रशिक्षण में 35 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। उन्हें CPR, रक्तस्राव नियंत्रण, घाव प्रबंधन जैसी तकनीकों का व्यवहारिक अभ्यास कराया गया, जिससे वे किसी आपात स्थिति में प्रभावी और त्वरित सहायता प्रदान कर सकें।

ICICI फाउंडेशन द्वारा संयोजित इस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की विशेषता यह है कि हर माह के दूसरे बुधवार को यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। आम नागरिक भी इस सामाजिक पहल का हिस्सा बन सकते हैं और अपने समुदाय में जीवन रक्षक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में भूमिका निभा सकते हैं।

कार्यक्रम में डॉ. आस्था, डॉ. कैलाश मीना, डॉ. मोहित जलाप, डॉ. प्रथम जैन, सीनियर नर्सिंग ऑफिसर बजरंग, संदीप सिंह, सूरज सिंह राणा, अंजना, बॉबी, साक्षी सहित कई स्वास्थ्यकर्मी और स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

 

Saurabh Negi

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