देहरादून से निकले 109 नए आईएफएस, मप्र को सबसे ज्यादा, उत्तराखंड को सिर्फ तीन

देहरादून से निकले 109 नए आईएफएस, मप्र को सबसे ज्यादा, उत्तराखंड को सिर्फ तीन

देहरादून, 30 जुलाई – भारतीय वन सेवा को 109 नए अधिकारी मिले हैं, जिनमें सर्वाधिक 17 अफसर मध्य प्रदेश को आवंटित हुए हैं। वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून के सभागार में बुधवार को आयोजित दीक्षांत समारोह में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यन ने अधिकारियों को प्रमाणपत्र और पदक सौंपे। 2023-2025 बैच 21वीं सदी का अब तक का सबसे बड़ा आईएफएस बैच रहा, जिसमें भूटान के दो अफसरों समेत कुल 111 प्रशिक्षुओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।

समारोह में न्यायमूर्ति रामासुब्रमण्यन ने अफसरों को संबोधित करते हुए कहा कि नौकरी के दौरान नियमों का पालन सर्वोपरि होना चाहिए। नियमों की अनदेखी से तात्कालिक लाभ तो मिल सकता है, लेकिन दीर्घकाल में कठिनाइयां ही सामने आती हैं। वहीं, नियमों का पालन करने वाले अधिकारी अंततः सफल होते हैं। इस अवसर पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के निदेशक डॉ. जगमोहन शर्मा ने बताया कि अब तक इस संस्थान से भारत और 14 मित्र देशों के 367 वन अधिकारी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। इस बैच में 22 महिला अधिकारी थीं और 50 प्रशिक्षुओं ने 75 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित किए।

उत्तराखंड को इस बैच से तीन आईएफएस अधिकारी मिले हैं। उत्तर प्रदेश को 12, कर्नाटक, ओडिशा, गुजरात और तमिलनाडु को छह-छह, जबकि एजीएमयूटी को सात अफसर आवंटित किए गए। मध्य प्रदेश को सबसे अधिक 17 अफसर प्राप्त हुए। पुरस्कार वितरण में केरल के मिधुनमोहन एसबी को सर्वांगीण उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। उत्तर प्रदेश के पृथ्वीराज को सर्वश्रेष्ठ वानिकी पुरस्कार और मप्र के शोभित जोशी को हिल स्मृति पुरस्कार तथा मुख्य विषयों में सर्वोत्तम प्रदर्शन का पुरस्कार मिला।

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प्रशिक्षण के दौरान वानिकी के साथ-साथ शासन और प्रशासन से जुड़ी जानकारी दी गई। कार्यक्रम में प्रमुख वन संरक्षक समीर सिन्हा सहित विभिन्न संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। देहरादून स्थित संस्थान का यह आयोजन वन सेवा के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, हालांकि उत्तराखंड से केवल तीन चयन को लेकर यह सवाल भी उठता है कि राज्य की भागीदारी अपेक्षा के अनुरूप क्यों नहीं बढ़ पा रही।

Saurabh Negi

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