देहरादून – देहरादून और हरिद्वार में 28 जून को औषधि विभाग ने नकली दवाओं के अंतरराज्यीय गिरोह पर बड़ी कार्रवाई की। हरिद्वार के रूड़की मकतूलपुर क्षेत्र में चार स्थानों पर छापेमारी कर दो आरोपियों नरेश धीमान और योगेश गुलाटी को गिरफ्तार किया गया। मौके से कैडिला कंपनी के नाम पर 11,000 टैबलेट्स, ब्रांडेड दवाएं और निर्माण में प्रयुक्त कच्चा माल बरामद किया गया। कंपनी प्रतिनिधि ने स्पष्ट किया कि ये दवाएं अधिकृत नहीं थीं और इन्हें अवैध रूप से बेचा जा रहा था। जब्त दवाओं को प्रयोगशाला जांच के लिए सील किया गया है।
पकड़ी गई नकली दवा
देहरादून के कारगी ग्रांट क्षेत्र में औषधि निरीक्षकों ने ओंकार विकास मेडिकोज और उसके संचालक दिले राम के आवास पर छापा मारा। दोनों स्थानों पर ताले लगे मिले और दिले राम परिवार समेत फरार पाया गया। स्थानीय लोगों से पूछताछ में पता चला कि वह कई दिनों से नदारद है और उसके मोबाइल नंबर भी बंद हैं। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि वह देश के कई राज्यों में नकली दवाएं सप्लाई करने वाले नेटवर्क का हिस्सा है। दुकान को तत्काल सील कर दिया गया ताकि स्टॉक को बाजार में न बेचा जा सके।
सेलाकुई स्थित मित्तल लेबोरेट्रीज़ प्राइवेट लिमिटेड पर भी छापा पड़ा। कंपनी उस वक्त संचालन में नहीं थी, लेकिन पहले की जांचों में भारी अनियमितताएं पाई गई थीं। औषधि विभाग ने कंपनी का निर्माण लाइसेंस रद्द करने की संस्तुति भेजी है।
अपर आयुक्त एवं ड्रग कंट्रोलर ताजबर जग्गी
औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि यह गिरोह केवल उत्तराखंड तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी सक्रिय था। जब्त दवाओं की रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।