भारी वर्षा को देखते हुए प्रशासन ने देहरादून शहर व मालदेवता क्षेत्र के सभी स्कूलों का अवकाश घोषित

भारी वर्षा को देखते हुए प्रशासन ने देहरादून शहर व मालदेवता क्षेत्र के सभी स्कूलों का अवकाश घोषित

देहरादून : भारी वर्षा को देखते हुए प्रशासन ने देहरादून शहर व मालदेवता क्षेत्र के सभी स्कूलों में सोमवार को अवकाश घोषित किया है। यह आदेश देर रात मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून डा. मुकुल कुमार सती से जारी किया।

वहीं मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार सोमवार को उत्‍तराखंड मेंआंशिक बादल छाये रह सकते हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। देहरादून में दोपहर बाद कुछ क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। दूरस्थ क्षेत्रों में ओलावृष्टि की आशंका है।

वहीं आज सोमवार को देहरादून में मौसम साफ बना रहा। सुबह से ही धूप खिली रही। हालांकि कल रात हुई बारिश के बाद सोमवार की सुबह कुछ ठंड भी महसूस की गई।

भारी वर्षा के कारण देहरादून के स्कूलों में आज अवकाश

भारी वर्षा को देखते हुए रविवार देर रात प्रशासन ने देहरादून शहर व मालदेवता के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित किया। मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून डा. मुकुल कुमार सती ने बताया कि सभी राजकीय, सहायता प्राप्त अशासकीय विदयालय (जूनियर/माध्यमिक )/ निजी विद्यालय/ आंगनवाडी केंद्र/मदरसे सोमवार को बंद रहेंगे।

उन्होंने बताया कि छात्र छात्राओं की सुरक्षा को देखते हुए मसूरी क्षेत्र, देहरादून नगर क्षेत्र, सहस्रधारा क्षेत्र व मालदेवता क्षेत्र स्थित सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं। सभी संस्थान इस आदेश का सख्ती से पालन करेंगे।

आपदा प्रबंधन शिक्षा शोध का नोडल केंद्र बनेगा हिमालयीय विवि

वहीं पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि हिमालयीय विवि आपदा प्रबंधन शिक्षा शोध का नोडल केंद्र बनेगा।

रविवार को हिमालयीय विवि परिसर में आपदा प्रबंधन को लेकर बैठक हुई। इस दौरान डा. निशंक ने बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इसके अलावा आपदा प्रबंधन विवि संघ के अध्यक्ष डा. संतोष कुमार, विवि के कुलपति डा. जेपी पचौरी, प्रतिकुलपति डा. राजेश नैथानी ने बैठक में भाग लिया।

इस दौरान विवि में आपदा प्रबंधन के पाठ्यक्रमों के संचालन, केंद्र और राज्य सरकार के साथ एमओयू किए जाने के संबंध में चर्चा हुई। डा. निशंक ने कहा कि मौजूदा विकास की अवधारणा को धरातल पर उतारने के लिए पर्यावरण को केंद्र में रखना होगा।

डा. रमेश पोखरियाल निशंक की स्वलिखित पुस्तकें ‘प्रलय के बीच केदारनाथ त्रासदी और आपदा के वह भयावह दिन’ अतिथियों को भेंट की गईं। डा. संतोष कुमार ने कहा कि आज देश में आपदा प्रबंधन शिक्षा की बड़ी संभावनाएं है।

इसके लिए सर्टिफिकेट कोर्स व डिप्लोमा कोर्स संचालित किए जाने पर सहमति बनी। विवि में आपस प्रबंधन केंद्र के सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित करने पर बात हुई।

इसके लिए नैनीताल स्थित प्रशासनिक प्रशिक्षण अकादमी व उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग का सहयोग भी लिया जाएगा। इस अवसर पर भूगोल शास्त्र के जाने माने विज्ञानी कुलसचिव निशांत जैन, नर्सिंग और आयुर्वेदिक कालेज के प्राचार्य ने भी प्रतिभाग किया।

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