पहली बार भारत में टेली सर्जरी को मिली मंजूरी, छोटे अस्पतालों में भी संभव होगा बड़ा इलाज
देश में टेली सर्जरी को पहली बार मंजूरी मिलने के बाद चिकित्सा जगत में क्रांतिकारी बदलाव की शुरुआत हो गई है। अब सुदूर इलाकों के छोटे अस्पतालों में कैंसर और न्यूरो जैसी बड़ी सर्जरी टेली सर्जरी तकनीक के जरिए संभव होगी। इस प्रक्रिया में डॉक्टर ऑपरेशन थियेटर में उपस्थित रहने की बजाय रोबोट और वायरलेस तकनीक का उपयोग कर कई किलोमीटर दूर से सर्जरी कर सकेंगे।
स्वदेशी तकनीक और टेली सर्जरी का विस्तार
ई-संजीवनी योजना के तहत घर बैठे चिकित्सा सेवा प्रदान करने के बाद, भारत ने अब रोबोटिक तकनीक के जरिये टेली सर्जरी को भी मान्यता दी है। एसएसआई मंत्र कंपनी ने स्वदेशी तकनीक विकसित कर इसे संभव बनाया। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने तकनीक की सुरक्षा और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए देशभर में परीक्षण किए।
प्रमुख परीक्षण और सफलताएं
- गुरुग्राम में वरिष्ठ डॉक्टर सुधीर रावल ने दिल्ली के राजीव गांधी कैंसर अस्पताल में मरीज की सर्जरी की।
- जून 2024 में डॉ. आरके मिश्रा ने गुरुग्राम से पांच किमी दूर एक ऑपरेशन सफलतापूर्वक संपन्न किया।
- अभी तक छह परीक्षण हुए, जिनमें से पांच पूरी तरह सफल रहे।
तकनीक की विशेषताएं
डॉक्टर वीडियो गेम जैसे कंसोल और 3डी मॉनिटर का उपयोग कर सर्जरी करते हैं। खास चश्मा उन्हें ऑपरेशन थियेटर में उपस्थित होने का अनुभव कराता है। यह तकनीक 100 से 1000 किमी की दूरी पर भी सर्जरी संभव बनाती है।
दुनिया में भारत की नई पहचान
न्यूयॉर्क में 2001 में पहली बार टेली सर्जरी का परीक्षण हुआ था। अब भारत और चीन ने इस क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है। एसएसआई के संस्थापक डॉ. सुधीर श्रीवास्तव ने इसे चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव बताते हुए कहा कि यह तकनीक आने वाले वर्षों में भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर बदल देगी।