श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में इंद्रमणि बडोनी की 100वीं जयंती पर कार्यक्रम आयोजित

उत्तराखंड आंदोलन के प्रणेता और ‘पर्वतीय गांधी’ के नाम से प्रसिद्ध स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी की 100वीं जयंती के अवसर पर टिहरी गढ़वाल के नैखरी स्थित श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय परिसर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य एवं निदेशक डॉ. महंत मौर्य ने की, जिसमें शिक्षक, छात्र और कर्मचारी बड़ी संख्या में शामिल हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत इंद्रमणि बडोनी के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। वक्ताओं ने उनके जीवन संघर्ष और उत्तराखंड राज्य निर्माण में दिए गए योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि बडोनी ने पर्वतीय समाज की आवाज को मजबूती से उठाया और उनके अधिकारों, संस्कृति और पहचान की रक्षा के लिए आजीवन संघर्ष किया।
समाजशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पी.एस. बिष्ट ने इंद्रमणि बडोनी के जीवन, संघर्ष और उत्तराखंड आंदोलन में उनकी भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बडोनी ने अपना पूरा जीवन पर्वतीय जनता के लिए समर्पित कर दिया और उनके विचार आज भी युवाओं को प्रेरित करते हैं।
रसायन विज्ञान विभाग के डॉ. डी.डी. दीक्षित ने कहा कि इंद्रमणि बडोनी के विचार वर्तमान समय में भी उतने ही प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि उनके सिद्धांत उत्तराखंड के सतत विकास, सांस्कृतिक संरक्षण और सामाजिक चेतना को मजबूत करने के लिए आवश्यक हैं।
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कार्यक्रम के समापन पर निदेशक डॉ. महंत मौर्य ने छात्रों और कर्मचारियों से इंद्रमणि बडोनी के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बडोनी द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलकर ही समाज और राज्य का समग्र विकास संभव है। कार्यक्रम में पूरे महाविद्यालय परिवार की सहभागिता रही।



