देहरादून में अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का भंडाफोड़: अमेरिका-कनाडा के नागरिकों को ठगने वाले 13 गिरफ्तार
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एसटीएफ और जिला पुलिस ने देहरादून के पटेलनगर क्षेत्र में संचालित फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में 11 युवकों और दो युवतियों को गिरफ्तार किया गया है। ये आरोपी खुद को माइक्रोसॉफ्ट और एप्पल कंपनी का प्रतिनिधि बताकर अमेरिका और कनाडा के नागरिकों से ठगी कर रहे थे।
एसटीएफ एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने चमन विहार स्थित “आई क्रिएट सॉल्यूशन (आईसीएस)” नाम की कंपनी के कार्यालय पर छापा मारा। वहां 13 लोग लैपटॉप पर विदेशी नागरिकों से बातचीत कर रहे थे। पूछताछ में सामने आया कि वे कई महीनों से यह कॉल सेंटर चला रहे थे और केवल विदेशी नागरिकों को ठगी का निशाना बना रहे थे।
आरोपी “एक्स लाइट डायलर” ऐप के जरिए अमेरिका और कनाडा के लोगों से संपर्क करते थे। फिर उन्हें “एनी डेस्क” और “टीम व्यूअर” जैसे रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर डाउनलोड कराकर उनके डिवाइस में पॉपअप मैसेज भेजते थे। इस मैसेज में उन्हें बताया जाता था कि उनके सिस्टम का गलत इस्तेमाल हो रहा है या वे अश्लील वेबसाइट देख रहे हैं। डराने के बाद उनसे समस्या ठीक करने के नाम पर 40 से 70 डॉलर की मांग की जाती थी। अब तक यह गिरोह विदेशी नागरिकों से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है।
गिरफ्तार आरोपी:
गिरफ्तार आरोपियों में काशीपुर निवासी सौरभ वशिष्ठ, लालकुआं निवासी दीपक भट्ट, राजपुर निवासी मुकेश मित्तल, संजय कॉलोनी निवासी गुरुप्रीत सिंह पंवार, राजेंद्र नगर निवासी विशाल थापा, कारगी चौक निवासी शुभम सेमवाल, कांवली रोड निवासी सुनील गुरुंग, एमडीडीए कॉलोनी निवासी अभिषेक वर्मा, आर्केडिया ग्रांट निवासी फोटोखो, पंजाब के होशियारपुर निवासी राजीव कुमार भट्टी और सहस्रधारा रोड निवासी मुदस्सिर शामिल हैं।
गिरोह का सरगना सौरभ वशिष्ठ पहले ट्रांसपोर्ट नगर में ट्रैवल एजेंसी चलाता था। कुछ साल पहले वह दिल्ली गया, जहां उसने कॉल सेंटर में काम किया और वहां से ठगी के तौर-तरीके सीखे। इसके बाद उसने देहरादून में ऐसे युवकों और युवतियों को जोड़ा, जिनके पास कॉल सेंटर में काम करने का अनुभव था। महज दो महीने में उसने यह कॉल सेंटर तैयार कर लिया।