जयपुर: अशोक गहलोत सरकार ने घर-घर कोविड किट पहुंचाने और जांच का काम तेज करने का निर्णय लिया
जयपुर। राजस्थान में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। संक्रमण अब शहरों से गांवों में पहुंच गया। ग्रामीण क्षेत्रों में सही तरह से उपचार नहीं मिलने और लोगों में जागरूकता नहीं होने के कारण रिकवरी रेट के मामले में राजस्थान देश में 31वें स्थान पर है। ग्रामीण क्षेत्रों में फैलते संक्रमण पर लगाम लगाने के लिहाज से अशोक गहलोत सरकार ने घर-घर कोविड किट पहुंचाने और जांच का काम तेज करने का निर्णय लिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड केयर सेंटर्स बनाए जाएंगे। पीड़ितों को इन सेंटर्स में पहुंचाया जाएगा।
कोविड किट में कोरोना महामारी में काम आने वाली एजिथ्रोमाइसिन, पेरासिटामोल, लिवोसिटिरिजिन, जिंक सल्फेट और विटामिन सी की गोलियां शामिल है। इसके साथ ही घर-घर सर्वे किया जाएगा। सर्वे के लिए स्वास्थ्यकर्मी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और पंचायतकर्मी घर-घर जाएंगे। ये सभी कार्मिक कोविड किट वितरित करने, सर्वे का काम तेज करने साथ ही ग्रामीणों को महामारी के गंभीर परिणामों के बारे में बताएंगे। ग्रामीणों को समझाया जाएगा कि पीड़ित को घर से बाहर 14 दिन के लिए क्वारेंटीन किया जाए,जिससे अन्य लोगों को इस बारे में बचाया जा सके । किट वितरण एवं घर-घर सर्वे का काम शनिवार से शुरू हुआ है।
सर्वे के दौरान जिन लोगों में संक्रमण होने की जानकारी सामने आएगी उन्हे तत्काल कोविड केयर सेंटर्स में भेजा जाएगा। चिकित्सा सचिव सिद्धार्थ महाजन का मानना है कि संक्रमण की दूसरी लहर में गांव ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इसका मुख्य कारण ग्रामीणों का बेपरवाह होना है। पिछले दो सप्ताह में अधिकांश नए संक्रमित ग्रामीण इलाकों में ही मिले हैं।