450 करोड़ के जल जीवन मिशन घोटाले का दावा, सूखे नलों के बीच उभरे गंभीर सवाल

देहरादून – उत्तराखंड में जल जीवन मिशन के अंतर्गत संचालित पेयजल योजनाओं को लेकर 450 करोड़ रुपये के कथित घोटाले का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मूल निवास भू-कानून संघर्ष समिति के संस्थापक संयोजक और उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के महासचिव मोहित डिमरी ने देहरादून में आयोजित प्रेस वार्ता में इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने दावा किया कि योजनाएं धरातल पर सही तरीके से लागू नहीं हो रही हैं और इसमें बड़ी वित्तीय अनियमितताएं हो रही हैं।
डिमरी का आरोप है कि जल जीवन मिशन अब “नल कमीशन मिशन” बनकर रह गया है, जिसमें योजनाओं के नाम पर केवल कागजी कार्रवाई हो रही है, जबकि गांव-गांव में नलों से पानी नहीं आ रहा। उन्होंने कहा कि 800 करोड़ रुपये की लागत वाली 44 पेयजल योजनाओं में से 372 करोड़ की लागत के 17 प्रोजेक्ट हरियाणा की एक कंपनी यूनिप्रो टेक्नो इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए हैं, जिसकी कार्यप्रणाली पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं।
डिमरी ने कहा कि रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में इस कंपनी को कई योजनाओं का काम दिया गया है, जिनमें निर्माण की गति धीमी और गुणवत्ता पर शंका जताई जा रही है। उन्होंने दावा किया कि अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन के बावजूद इसी कंपनी को हल्द्वानी में 100 करोड़ रुपये की लागत वाली योजना का कार्य फिर से सौंपा गया है, जबकि इसके विरुद्ध ब्लैकलिस्ट की संस्तुति पहले ही की जा चुकी है।
डिमरी ने जल निगम के कुछ अधिकारियों पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने जल निगम के प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चौहान और मुख्य अभियंता संजय सिंह के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा कि संबंधित अधिकारियों की कुछ कंपनियों में “स्लीपिंग पार्टनर” के तौर पर भूमिका संदिग्ध है, जिसकी निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में सक्षम स्थानीय कॉन्ट्रैक्टर होने के बावजूद बाहर की कंपनियों को ठेके दिए जा रहे हैं। नैनीताल जिले में 46 करोड़ रुपये की योजनाओं के ठेके यूपी की चार कंपनियों को दिए गए, जबकि स्थानीय कॉन्ट्रैक्टर हाशिए पर हैं।
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प्रेस वार्ता में डिमरी ने यह भी बताया कि उत्तरकाशी, चमोली, टिहरी, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा जिलों में पहले भी जल जीवन मिशन से जुड़ी परियोजनाओं में अनियमितताएं उजागर हो चुकी हैं। थराली की सुनला पेयजल योजना में पाइपलाइन गायब होने का मामला न्यायालय तक पहुंचा था। उत्तरकाशी में एक ही योजना पर दो बार बजट खर्च होने का आरोप भी सामने आया था।
डिमरी ने चेतावनी दी कि यदि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई तो वह राज्यव्यापी जनांदोलन शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि इस संबंध में वे जल्द ही मुख्य सचिव और पेयजल सचिव से मिलकर कार्रवाई की मांग करेंगे।