जोर पकड़ेगा जोशीमठ पुनर्निर्माण का काम, सरकार पुनर्वास के लिए सुझाव जनता से लेगी
भूधंसाव से जूझ रहे जोशीमठ में शीघ्र ही पुनर्वास और पुनर्निर्माण के कार्य शुरू होंगे। केंद्र सरकार से राज्य के आर्थिक पैकेज के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद शासन में भी हलचल शुरू हो गई है। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया, पुनर्वास से पहले जोशीमठ में प्रभावित की राय जानी जाएगी।
इसके लिए पूर्व में निर्धारित विकल्पों पर उनके सुझाव लिए जाएंगे। इस संबंध में एक दिन पहले ही मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु जोशीमठ में आपदा जोखिम न्यूनीकरण से संबंधित कार्यों के संबंध में बैठक ले चुके हैं। इसके तहत जोशीमठ में होने वाले कामों को लेकर विभागों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है।
आरडब्लूडी और आपदा प्रबंधन विभाग करेंगे रेट्रोफिटिंग का काम
जोशीमठ में ढलान स्थिरीकरण का कार्य लोनिवि, पेयजल, सीवरेज एवं जल निकासी का काम जल निगम, जोशीमठ के तल में नदी से कटाव रोकने के लिए बनने वाली दीवार का काम (टो-प्रोटेक्शन) सिंचाई विभाग, यलो कैटेगरी के भवनों की रेट्रोफिटिंग का काम आरडब्लूडी और आपदा प्रबंधन विभाग करेंगे।
इसके अलावा रोपवे का काम पर्यटन विभाग देखेगा। ढलान स्थिरीकरण के टेंडर प्रकिया जुलाई में पूरी हो चुकी है। अब डीपीआर बनाने का काम किया जा रहा है। इसके अन्य कार्यों के लिए शीघ्र डीपीआर तैयार के निर्देश दिए गए हैं।
रेट्रोफिटिंग के लिए नियुक्त किए जाएंगे कंसल्टेंट
सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. सिन्हा ने बताया, जोशीमठ में रेट्रोफिटिंग कार्य के लिए कंसल्टेंट और विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाएगी। इसमें देश के सबसे अच्छे कंसल्टेंट और विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा।
केंद्र ने आर्थिक पैकेज को दी मंजूरी
जोशीमठ में सुरक्षात्मक और पुनर्वास कार्यों के लिए केंद्र सरकार ने आर्थिक पैकेज के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ के पुनर्वास-सुरक्षा कार्यों के लिए पोस्ट डिजास्टर नीड एसेसमेंट (पीडीएनए) रिपोर्ट तैयार करते हुए केंद्र से 1845 करोड़ रुपये की मांग की थी। प्रस्ताव को एनडीएम ने सैद्धांतिक सहमति दे दी थी। भूमि अधिग्रहण के लिए जरूरी 91 करोड़ रुपये और बाकी 1754 करोड़ रुपये की 10 प्रतिशत राशि का इंतजाम राज्य सरकार को करना है। शेष 1578 करोड़ रुपये की मदद केंद्र सरकार करेगी। सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा ने इसकी पुष्टि की है।
मुआवजे की दरों का फरवरी में हो चुका है शासनादेश
जोशीमठ के क्षतिग्रस्त भवनों के लिए सरकार ने मुआवजा नीति है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद 22 फरवरी को इसका शासनादेश जारी कर दिया गया था। इसके तहत आवासीय भवनों के लिए 31 हजार 201 रुपये प्रति वर्ग मीटर से लेकर 36 हजार 527 रुपये प्रति वर्ग मीटर मुआवजा तय किया गया है। व्यावसायिक भवनों के लिए 39 हजार 182 रुपये प्रति वर्ग मीटर से लेकर 46 हजार 99 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दरें तय की गई हैं।
क्षतिग्रस्त भवनों की मुआवजा दरें
ईंट वाले आवासीय भवनों के लिए 31 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर, आरसीसी वाले आवासीय भवनों के लिए 36 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर, व्यावसायिक ईंट वाले भवनों के लिए 39 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर, व्यावसायिक आरसीसी वाले भवनों के लिए 45 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर, दुकान मालिकों को 15 वर्ग मीटर की दुकान या एकमुश्त मुआवजा दिया जाएगा, किरायेदार दुकानदारों को एकमुश्त दो लाख रुपये की राशि और भविष्य में स्थायी पुनर्वास वाली जगह पर दुकान के लिए प्राथमिकता, जिनके पास जमीन के कागज नहीं हैं, ऐसे पट्टेदार या जमीन मालिकों को बिजली-पानी के बिल प्रस्तुत करने होंगे, इसके लिए दो जनवरी 2023 कट ऑफ डेट तय की गई है।
जोशीमठ को संवेदनशीलता के आधार पर उच्च, मध्यम और निम्न रिस्क जोन में बांटा गया है। हाई रिस्क जोन से सभी लोगों को विस्थापित किया जाएगा। विस्थापन से पहले लोगों से राय ली जाएगी। सरकार ने पहले जो विकल्प सुझाए हैं, उनके आधार पर लोग खुद निर्णय ले सकते हैं। -डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, सचिव-आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास