भव्यता के नाम पर दिव्यता को कर रहे खत्म, ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य ने मास्टर प्लान पर उठाए सवाल
ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि बदरीनाथ धाम में भव्यता के नाम पर दिव्यता को खत्म किया जा रहा है। भव्यता पर हमारी आपत्ति नहीं है, लेकिन दिव्यता को खत्म किया जाता है तो उसे स्वीकार नहीं करेंगे।
शंकराचार्य मठ में पत्रकार वार्ता के दौरान शंकराचार्य ने बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के कार्यों पर सवाल खड़े किए। कहा कि धाम की धार्मिक विशेषताओं को नजरअंदाज कर उनकी हत्या की जा रही है। धाम में पांच धाराएं हैं, जिन्हें पंच गंगा कहा जाता है। इनमें स्नान के बिना रावल मंदिर में प्रवेश नहीं करते, लेकिन पंच गंगाओं में से कुर्म धारा और प्रह्लाद धारा के अस्तित्व को ही समाप्त कर दिया गया है।
आचार्यों से परामर्श के बाद होता था कोई कार्य शुरू
उन्होंने कहा कि पहले बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति आचार्यों से परामर्श के बाद ही कोई कार्य शुरू करती थी, लेकिन मास्टर प्लान को लेकर आचार्यों से परामर्श नहीं करने से यह स्थिति बनी है। शंकराचार्य ने प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन भी भेजा है, जिसमें बदरीनाथ में स्थापित परंपराओं को बनाए रखने, हेलंग-मारवाड़ी बाईपास का काम रोकने, जोशीमठ भू धंसाव की वैज्ञानिक रिपोर्ट सार्वजनिक करने और हिंदू नाबालिग लड़कियों के साथ हो रहे उत्पीड़न को रोकने के लिए कार्रवाई की मांग की है।
केदारनाथ में विवाद की जांच होनी चाहिए
शंकराचार्य ने कहा कि केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में कैमरा ले जाना मना है, लेकिन वहां की फोटो वायरल हो रही हैं। हाल ही में मंदिर के गर्भ गृह में नोट बरसाने का मामला सामने आया जो सनातन धर्म के विरोध में है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम में चढ़ाए गए सोने की भी जांच होनी चाहिए।