कश्मीरी छात्रों के साथ उत्तराखंड में बदसलूकी की फैलाई गई अफवाहे : त्रिवेंद्र सिंह रावत
देहरादून। उत्तराखंड में कश्मीरी छात्रों के साथ बदसलूकी की खबरों को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि कश्मीरी छात्रों के साथ उत्तराखंड में कोई अन्याय नहीं हो रहा है, उनके साथ बदसलूकी की सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई गई है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत शुक्रवार को एक कार्यक्रम में शरीक होने के बाद सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से कश्मीरी छात्रों को लेकर मांगे गए जवाब पर पत्रकारों के सवालों का उत्तर दे रहे थे। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर से आए पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रतिनिधि मंडल के साथ तो सौ-डेढ़ सौ छात्र ही कश्मीर गए हैं, जबकि अभी भी डेढ़ से दो हजार छात्र-छात्राएं यहीं पर हैं और उन्होंने यहीं पर रहने का निर्णय लिया है। केवल इसी बात से स्थिति स्पष्ट हो जाती है कि कश्मीरी छात्र पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
उन्होंने एक बार फिर भरोसा दिलाया कि कश्मीरी छात्र-छात्राओं समेत जितने भी कश्मीरी मूल के नागरिक यहां रह रहे हैं, उनकी सुरक्षा को लेकर पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। इसके लिए उत्तराखंड पुलिस को एडवाइजरी जारी कर दी गई है। बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के बाद चंद कश्मीरी छात्रों की ओर से देशविरोधी नारे लगाए जाने के बाद उनकी इस हरकत को लेकर विरोध शुरू हो गया था। इसके बाद से अब तक पांच सौ के करीब छात्र कश्मीर लौट चुके हैं।
कश्मीरी छात्रों के लौटने को लेकर यह अफवाह फैलाई गई कि उनकी सुरक्षा यहां खतरे में है। हालांकि, अधिकांश छात्र केवल इस वजह से अपने घर लौटे कि उनके संस्थानों में पिछले दिनों अवकाश घोषित कर दिया गया था।
उत्तराखंड में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों का हो सत्यापन
विश्व हिंदू परिषद-बजरंग दल की ओर से शुक्रवार को मासिक बैठक का आयोजन किया गया। मानस मंदिर बकरालवाला स्थित कार्यालय में आयोजित बैठक में आतंकी हमले में शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही उत्तराखंड के शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे कश्मीरी छात्र-छात्राओं के सत्यापन की मांग की।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे विभाग के संगठन मंत्री अजय कुमार ने कहा कि वर्तमान में केंद्र सरकार की ओर से भले ही सैनिकों का मनोबल बढ़ाया गया हो, लेकिन उनके ऊपर हो रही पत्थरबाजी शर्मनाक है। उन्होंने सरकार की ओर से सेना को पत्थरबाजों पर खुलकर कार्रवाई की इजाजत देने की मांग की। दल के संयोजक विकास वर्मा ने कहा कि अन्य राज्यों में शिक्षा ले रहे कुछ कश्मीरी छात्र-छात्राएं सोशल मीडिया पर सैनिकों के बलिदान को लेकर अभद्र टिप्पणियां कर रहे हैं। जो कि देशद्रोह की श्रेणी में आता है, लेकिन प्रशासन उसे सांप्रदायिक झगड़ों से जोड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भी शिक्षण संस्थानों में छात्र-छात्राओं के सत्यापन को लेकर जागरूक होना होगा। संगठन के वक्ताओं ने सहारनपुर जिले के देवबंद कस्बे से जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों का पकड़े जाने पर सरकार का आभार जताया। इस दौरान विहिप महानगर अध्यक्ष दर्शन लाल भंभ, विहिप उपाध्यक्ष नवीन गुप्ता, जिला मंत्री राजेंद्र राजपूत, बजरंग दल संयोजक संजीव बालियान, सुरक्षा प्रमुख विजय मिश्रा, प्रभात वर्मा, आशीष बलूनी, गुरमीत जायसवाल आदि मौजूद रहे।