केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद, भव्य समापन समारोह का आयोजन

केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद, भव्य समापन समारोह का आयोजन

विश्व प्रसिद्ध श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज 3 नवंबर को भैया दूज के अवसर पर शीतकाल के लिए बंद हो गए। सुबह 8:30 बजे कपाट बंद की प्रक्रिया संपन्न हुई, जिसमें वैदिक मंत्रोच्चार, भक्तिमय जयघोष और भारतीय सेना के बैंड की धुनों के बीच भक्तों ने बाबा केदार के दर्शन किए। इस अवसर पर बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय और लगभग 15,000 श्रद्धालु उपस्थित रहे। मंदिर को दीपावली से ही फूलों से सजाया गया था, जो समारोह को और भव्य बना रहा था।

सुबह 5 बजे से बीकेटीसी अध्यक्ष की उपस्थिति में कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हुई। आचार्यों और पुजारियों ने भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग की समाधि पूजा की। पूजा के पश्चात बाबा केदार की पंचमुखी डोली को मंदिर से बाहर लाकर रामपुर के लिए रवाना किया गया। डोली के साथ हजारों श्रद्धालु भी पैदल यात्रा पर निकले। श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह भंडारों का आयोजन किया गया था। मौसम साफ था और ठंडी हवाओं के बीच श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर था।

बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि इस साल रिकॉर्ड साढ़े 16 लाख से अधिक तीर्थ यात्री केदारनाथ धाम पहुंचे। उन्होंने यात्रा की सफल व्यवस्था के लिए बीकेटीसी के कर्मियों, पुलिस, प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और आईटीबीपी का आभार व्यक्त किया।

इसके अलावा, पवित्र गुरुद्वारा हेमकुंट साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट 10 अक्टूबर को बंद हो चुके हैं। द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट 20 नवंबर को बंद होंगे, जबकि तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट 4 नवंबर को बंद किए जाएंगे। चतुर्थ केदार रूद्रनाथ जी के कपाट 17 अक्टूबर को बंद हो चुके हैं। श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया आज सुबह 4 बजे से शुरू हो गई थी।

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बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने जानकारी दी कि बाबा केदार की पंचमुखी डोली 3 नवंबर को रामपुर, 4 नवंबर को गुप्तकाशी, और 5 नवंबर को ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी, जहां शीतकालीन पूजा संपन्न की जाएगी।

धाम यात्रा के समापन के अवसर पर हक-हकूकधारी पंचगांई समिति उखीमठ ने बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय को तीर्थयात्रियों के लिए सुव्यवस्थित दर्शन व्यवस्था करने के लिए सम्मानित किया। जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार और अन्य अधिकारियों को भी उनके योगदान के लिए अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।

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Saurabh Negi

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