केदारनाथ यात्रा रोकी गई, बादल फटने से भारी तबाही, हाईअलर्ट जारी
केदारनाथ पैदल मार्ग पर बादल फटने से मची भारी तबाही के बाद यात्रा को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। केदारघाटी में हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है और बड़ी लिंचोली में रेस्क्यू अभियान तेजी से चलाया जा रहा है। श्रद्धालुओं को आपातकालीन हेली पैड पर लाया जा रहा है और उनके साथियों की जानकारी जुटाई जा रही है। एनडीआरएफ और डीडीआरएफ के जवान श्रद्धालुओं को नदी पार करवाने में सहायता कर रहे हैं। सोनप्रयाग से लिंचोली तक काफी नुकसान हुआ है और सड़क व पैदल मार्ग को क्षति पहुंची है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रुद्रप्रयाग में अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने का निर्णय लिया है और इस दौरान बचाव व राहत कार्यों की स्थिति की समीक्षा की जाएगी। जंगलचट्टी से भीमबली के बीच लिंचोली के पास बादल फटने से मंदाकिनी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। सुरक्षा के मद्देनजर जिला प्रशासन ने देर रात गौरीकुंड और सोनप्रयाग बाजार को खाली करवा दिया है।
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तप्तकुंड और केदारनाथ पैदल मार्ग का करीब 30 मीटर हिस्सा बह गया है। एहतियात के तौर पर 200 लोगों को जीएमवीएन के गेस्ट हाउस और पुलिस चौकी में ठहराया गया है। गौरीकुंड से सोनप्रयाग के बीच चट्टान गिरने की भी सूचना है।
टिहरी के घनसाली में भिलंगना ब्लॉक के नौताड़ तोक में एक छोटा होटल ढहने से दंपती भानु व नीलम की मौत हो गई, जबकि गैरसैंण के रोहिड़ा में एक मकान पर मलबा गिरने से एक महिला की मौत हो गई। चमोली के बेलचोरी में मकान ढहने से दो लोग लापता हो गए हैं।
एसडीआरएफ की टीमें सोनप्रयाग से भीमबली के बीच पैदल मार्ग पर फंसे हुए यात्रियों को दुर्गम पहाड़ी रास्तों से वैकल्पिक मार्ग बनाकर सुरक्षित निकाल रही हैं। सेनानायक एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा के निर्देशानुसार श्री केदारनाथ और लिंचोली से 02 टीम नीचे की ओर रेस्क्यू कार्य कर रही हैं।