कोनेरू हम्पी ने रचा इतिहास, दूसरी बार विश्व रैपिड शतरंज चैंपियन बनीं

कोनेरू हम्पी ने रचा इतिहास, दूसरी बार विश्व रैपिड शतरंज चैंपियन बनीं

भारत की ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी ने इंडोनेशिया की इरीन सुकंदर को हराकर दूसरी बार विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप का खिताब जीता। इससे पहले हम्पी ने 2019 में जॉर्जिया में यह खिताब अपने नाम किया था। वह ऐसा करने वाली भारत की पहली महिला शतरंज खिलाड़ी हैं और चीन की जू वेनजुन के बाद यह उपलब्धि दो बार हासिल करने वाली दूसरी खिलाड़ी हैं।

37 वर्षीय हम्पी ने 11 में से 8.5 अंक अर्जित कर निर्णायक जीत दर्ज की। टूर्नामेंट जीतने के लिए उन्हें आखिरी मुकाबला हर हाल में जीतना था, और उन्होंने इसे संभव कर दिखाया। इस साल पुरुष वर्ग का खिताब रूस के 18 वर्षीय वोलोदर मुर्जिन ने जीता, जो सबसे कम उम्र के FIDE वर्ल्ड रैपिड चैंपियन में दूसरे स्थान पर हैं।

हम्पी ने इस खिताबी जीत से 2024 का अंत भारतीय शतरंज के लिए गौरवपूर्ण बना दिया। उन्होंने 2019 में जॉर्जिया के बटुमी में पहली बार यह खिताब जीता था। 2023 में उज्बेकिस्तान के समरकंद में इसी टूर्नामेंट में उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा था।

रैपिड शतरंज के अलावा, हम्पी ने अन्य प्रारूपों में भी शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने 2022 महिला विश्व ब्लिट्ज चैंपियनशिप में रजत पदक जीता और 2024 महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में भी रजत पदक हासिल किया। हालांकि, वह निजी कारणों से बुडापेस्ट ओलंपियाड में हिस्सा नहीं ले सकीं, जहां भारत ने छह स्वर्ण पदक जीते थे।

हम्पी की यह जीत उनके उत्कृष्ट कौशल और शतरंज के प्रति समर्पण का प्रमाण है, जिसने उन्हें भारतीय शतरंज के इतिहास में एक विशिष्ट स्थान दिलाया है।

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