प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की फर्जी हाजिरी का मामला, कुमाऊं कमिश्नर ने की सख्त कार्रवाई

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की फर्जी हाजिरी का मामला, कुमाऊं कमिश्नर ने की सख्त कार्रवाई

हल्द्वानी के ओखलढूंगा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में शुक्रवार को कमिश्नर दीपक रावत के औचक निरीक्षण के दौरान एक गंभीर अनियमितता सामने आई। जुलाई महीने में सिर्फ दो दिन ड्यूटी पर आए डॉक्टर सोहित चंद्रा की पूरे महीने की हाजिरी दर्ज की गई थी। इस फर्जीवाड़े में अस्पताल के वार्ड बॉय नंदन सिंह की संलिप्तता पाई गई, जिसने डॉक्टर की उपस्थिति रजिस्टर में दर्ज की थी। कमिश्नर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएमओ और संबंधित अधिकारियों को तलब किया है।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण विवरण

कमिश्नर दीपक रावत शुक्रवार को हल्द्वानी-हैडाखान रोड का निरीक्षण करने निकले थे। इस दौरान उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ओखलढूंगा का भी दौरा किया। यहां ओपीडी और हाजिरी रजिस्टर का मिलान करते समय पता चला कि डॉक्टर सोहित चंद्रा जुलाई में केवल दो दिन ड्यूटी पर आए थे, लेकिन रजिस्टर में उनकी हाजिरी पूरे महीने की दर्ज की गई थी। फार्मासिस्ट जगमोहन उप्रेती ने बताया कि डॉक्टर की हाजिरी वार्ड बॉय नंदन सिंह लगाता था।

कमिश्नर ने इस गंभीर अनियमितता पर कड़ी नाराजगी जताई और सीएमओ तथा सीएचसी भीमताल के एमओआईसी सहित संबंधित अधिकारियों को शनिवार को कैंप कार्यालय में तलब किया है। उन्होंने निर्देश दिए कि इस मामले में संलिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इसके अलावा, अस्पताल में तैनात पर्यावरण मित्र की कम उपस्थिति को लेकर भी उन्होंने नाराजगी जताई और सुधार के निर्देश दिए।

अन्य निरीक्षण और ग्रामीण समस्याओं पर चर्चा

निरीक्षण के दौरान कमिश्नर ने हल्द्वानी-हैड़ाखान रोड पर जल जीवन मिशन के तहत चल रहे पेयजल आपूर्ति कार्यों का भी जायजा लिया। ग्रामीणों ने शिकायत की कि पाइपलाइन बिछा दी गई है और नल भी लगाए गए हैं, लेकिन पानी की सप्लाई अभी तक शुरू नहीं हुई है। जल निगम के ईई ने बताया कि पंप हाउस में कुछ कार्य शेष हैं, जिन्हें अगले महीने के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।

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ग्रामीणों की समस्याएं

रौसिल गांव के काश्तकारों ने कमिश्नर से मुलाकात कर दुग्ध संग्रहण की व्यवस्था को पूर्ववत लालकुआं से कराने की मांग की। उन्होंने बताया कि काठगोदाम के जंगल में सड़क टूट जाने के कारण गांव के दुग्ध उत्पादकों को खनस्यू पहुंचने में कठिनाई हो रही है। महिलाओं को वन्यजीवों के खतरे के बीच रात तीन बजे उठकर दूध पहुंचाना पड़ता है। कमिश्नर ने इस मामले में भी उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया।

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