गुलदार के हमले से निकले सरकारी दावे हवा : परिवार शौचालय, बिजली और पीएम आवास योजना से वंचित
उत्तराखंड के पौड़ी जनपद में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सरकारी विकास योजनाओं की हकीकत को उजागर कर दिया है। 21 सितंबर को द्वारीखाल ब्लॉक के ठांगर गांव में गुलदार के हमले में घायल हुए छह वर्षीय कार्तिक के परिवार के पास न शौचालय है, न बिजली की सुविधा, और न ही पीएम आवास योजना का लाभ मिला है। इस घटना से सरकारी योजनाओं के जमीनी हकीकत की पोल खुल गई है, क्योंकि कागजों में गांव को ओडीएफ और सौभाग्य योजना के तहत बिजली से आच्छादित घोषित कर दिया गया था।
21 सितंबर की सुबह कार्तिक खुले में शौच के लिए जा रहा था, जब गुलदार ने उस पर हमला कर दिया। यदि घर में शौचालय की सुविधा होती, तो शायद यह दुर्घटना टाली जा सकती थी। कार्तिक का इलाज एम्स ऋषिकेश में चल रहा है, जहां उसके परिवार को इलाज और कमरे के किराए का आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है।
पीड़ित परिवार को आयुष्मान योजना का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है क्योंकि कार्तिक का आधार कार्ड अपडेट नहीं है, जिससे उनका आयुष्मान कार्ड नहीं बन पाया है। ग्राम प्रधान सोनम देवी के अनुसार, परिवार ने अपनी जमीन अब तक अपने नाम दर्ज नहीं कराई है, जिससे वे पीएम आवास योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। शौचालय के निर्माण के लिए 12 हजार रुपये स्वजल योजना के दस्तावेजों में दर्ज हैं, लेकिन धनराशि मिली या नहीं, यह स्पष्ट नहीं है। बिजली कनेक्शन न होने की वजह पारिवारिक विवाद बताया जा रहा है। हालांकि, घटना के बाद तीन सोलर लाइटें घर के आसपास लगाई गई हैं।
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स्थानीय प्रशासन ने घटना के बाद कुछ कार्रवाई की है। वन क्षेत्राधिकारी राकेश चंद्र ने बताया कि पीड़ित परिवार को दस हजार रुपये अग्रिम मुआवजा दिया गया है और मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद शेष राशि दी जाएगी। खंड विकास अधिकारी द्वारीखाल रवि सैनी ने बताया कि प्रभावित परिवार को बिजली कनेक्शन लगाने के लिए आवेदन पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। जिला अधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने प्रकरण की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।