गर्दन आर-पार छड़ी से घायल मज़दूर की जान बचाई, महंत इन्दिरेश अस्पताल में हुई सर्जरी

गर्दन आर-पार छड़ी से घायल मज़दूर की जान बचाई, महंत इन्दिरेश अस्पताल में हुई सर्जरी

देहरादून के श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में डॉक्टर्स की विशेषज्ञ टीम ने एक बेहद जटिल सर्जरी कर 45 वर्षीय मज़दूर की जान बचाई। यह मजदूर गर्दन में लोहे की छड़ आर-पार होने से गंभीर रूप से घायल हो गया था। ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. त्रिप्ती ममगाईं और उनकी टीम ने समय रहते सर्जरी कर मरीज को नया जीवन दिया।

उत्तर प्रदेश के मंगलौर निवासी यह व्यक्ति 4 मई को एक निर्माण स्थल पर काम के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हुआ। लोहे की छड़ उसकी गर्दन के आर-पार हो गई। प्राथमिक उपचार के बाद उसे श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल रेफर किया गया, जहां वह अत्यधिक रक्तस्राव की स्थिति में पहुंचा। जांच में सामने आया कि मरीज की इंटरनल जुग्युलर वेन लगभग 5 सेमी फट चुकी थी और रीकरंट लैरिंजियल नर्व भी क्षतिग्रस्त हो गई थी।

डॉ. त्रिप्ती ममगाईं ने बताया कि यह अत्यंत दुर्लभ और जीवनघातक स्थिति थी, जिसमें स्ट्रोक या मृत्यु जैसी जटिलताएं हो सकती थीं। सर्जरी के दौरान खून का थक्का निकालकर रक्त वाहिका और तंत्रिका का उपचार किया गया।

इस जीवनरक्षक सर्जरी में डॉ. त्रिप्ती ममगाईं, डॉ. अरविंद वर्मा, डॉ. शरद हरनोट, डॉ. ऋषभ डोगरा, डॉ. फात्मा अंजुम, डॉ. हर्षित गुप्ता और डॉ. आरुषि कोठारी की टीम शामिल रही। एनेस्थीसिया टीम से डॉ. रुबिना मक्कर व डॉ. तमिश तथा नर्सिंग स्टाफ से सिस्टर डोलमा और पिंकी ने सहयोग किया। अब मरीज पूरी तरह स्थिर है और अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।

Saurabh Negi

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