माणा में हिमस्खलन के बाद अलकनंदा और पिंडर नदी के उच्च क्षेत्र में होगा सर्वेक्षण

माणा में हिमस्खलन के बाद अलकनंदा और पिंडर नदी के उच्च क्षेत्र में होगा सर्वेक्षण

माणा में हाल ही में हुए भारी हिमस्खलन के बाद उत्तराखंड सरकार ने अलकनंदा और पिंडर नदी के संभावित अवरोधों की जांच कराने का निर्णय लिया है। इसके तहत इन नदियों के उच्च क्षेत्र में व्यापक सर्वेक्षण किया जाएगा। सचिव (आपदा प्रबंधन) विनोद कुमार सुमन ने इसके लिए वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान, जीएसआई और आईआईआरएस के निदेशकों को पत्र भेजा है। इस कार्य में लोनिवि और सिंचाई विभाग की भी भागीदारी रहेगी।

चमोली जिले के माणा क्षेत्र में 28 फरवरी को हुए हिमस्खलन में 55 श्रमिक फंस गए थे, जिनमें से आठ की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद सरकार को सूचना मिली कि अलकनंदा नदी में कई स्थानों पर जल प्रवाह में अवरोध उत्पन्न हो सकते हैं, जिससे भविष्य में जोखिम बढ़ सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए उच्च स्तरीय सर्वेक्षण का निर्णय लिया गया है।

तीन चरणों में होगा सर्वेक्षण:

  1. हाई-रिजोल्यूशन सैटेलाइट इमेजिंग: नदी मार्ग के संभावित अवरोधों की पहचान के लिए उपग्रह चित्रों का उपयोग किया जाएगा।
  2. फील्ड सर्वे: पांच संस्थानों की टीमें स्थलीय निरीक्षण करेंगी।
  3. हवाई सर्वेक्षण: आपदा प्रबंधन विभाग की सहायता से हेलिकॉप्टर का उपयोग किया जाएगा।

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इस सर्वेक्षण में नदी मार्ग में संभावित अवरोधों की स्थिति, अस्थायी झीलों के निर्माण की संभावना और भविष्य में उत्पन्न हो सकने वाले जोखिमों का आकलन किया जाएगा। इसके निष्कर्षों के आधार पर सरकार आवश्यक कदम उठाएगी ताकि संभावित बाढ़ के खतरे को रोका जा सके।

Saurabh Negi

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