श्री केदारनाथ धाम में 2013 के बाद फिर शुरू हुई मंदाकिनी गंगा आरती

उत्तराखंड के पावन तीर्थ श्री केदारनाथ धाम में 2013 की आपदा के बाद पहली बार मंदाकिनी नदी के तट पर पुनः नियमित गंगा आरती की शुरुआत हो गई है। 4 मई 2025 से प्रतिदिन सायंकाल आरती का आयोजन शुरू हुआ, जो कपाट बंद होने तक लगातार चलता रहेगा। यह आरती श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) और श्री केदार सभा के संयुक्त प्रयासों से संभव हो सकी है।
बीकेटीसी के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि यह न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि तीर्थस्थल की परंपराओं को पुनर्जीवित करने की दिशा में भी एक सराहनीय प्रयास है। सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे के निर्देश पर मंदिर समिति ने यह आरंभ किया है।
पूर्व में मंदाकिनी और सरस्वती नदी के संगम स्थल पर नियमित संगम आरती होती थी, जो वर्ष 2013 की विनाशकारी आपदा के बाद बाधित हो गई थी। अब एक बार फिर तीर्थ पुरोहितों की सहभागिता और श्री केदार सभा के सहयोग से यह आरती भक्तिमय वातावरण में संपन्न हो रही है।
खराब मौसम के बावजूद श्रद्धालुओं की संख्या में उत्साह देखा गया। आरती में मंदिर समिति के अधिकारी, स्थानीय पुजारी, श्रद्धालु और तीर्थ पुरोहित शामिल हो रहे हैं। मंदिर समिति के अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी ने बताया कि सचिव पर्यटन एवं मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल के दिशा-निर्देश में यह आयोजन हो रहा है।
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श्री केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, महामंत्री नितिन सेमवाल, मंदिर अधिकारी युद्धवीर पुष्पवान, सहायक अभियंता गिरीश देवली और अन्य कर्मचारी नियमित रूप से आरती में सहभागी बन रहे हैं। बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने जानकारी दी कि यह गंगा आरती कपाट बंद होने तक प्रतिदिन जारी रहेगी।
श्रद्धालुओं के लिए यह पहल एक नई ऊर्जा और आध्यात्मिक अनुभूति का माध्यम बन रही है, जिससे केदारनाथ धाम की धार्मिक गरिमा और भी प्रबल हुई है।