घोषणा के बाद भी बलिदानियों के आश्रितों को नहीं मिल रहे 50 लाख, वित्त विभाग की आपत्ति से अटका मामला

उत्तराखंड के बलिदानी सैनिकों के आश्रितों को 50 लाख रुपये की सहायता राशि नहीं मिल पा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले साल कारगिल विजय दिवस पर इस राशि की घोषणा की थी, लेकिन वित्त विभाग ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसे रोक दिया है।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि वित्त विभाग की आपत्ति का जवाब आज ही भेज दिया गया है। उत्तराखंड एक सैनिक बहुल प्रदेश है, जहां से औसतन हर महीने एक सैनिक देश के लिए बलिदान देता है। राज्य गठन के बाद से अब तक 24 वर्षों में 403 से अधिक सैनिक शहीद हो चुके हैं।
सरकार ने पहले बलिदानी सैनिकों के आश्रितों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान किया था। लेकिन पिछले साल कारगिल विजय दिवस पर मुख्यमंत्री धामी ने इस राशि को बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने की घोषणा की थी। इसके बाद न्याय विभाग से प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद इसे वित्त विभाग को भेजा गया था।
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विभागीय सूत्रों के मुताबिक, वित्त विभाग ने इस पर यह कहते हुए आपत्ति जताई कि इससे सरकार पर भारी वित्तीय भार पड़ेगा। हालांकि, वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि यह फाइल उनके माध्यम से नहीं आई है, संभव है कि इसे सीधे भेजा गया हो। अब देखना यह होगा कि सरकार बलिदानियों के आश्रितों को उनकी घोषित सहायता राशि कब तक उपलब्ध करा पाती है।