हरेला पर्व पर MDDA का हरित संकल्प, शहर में 60,000 पौधों के रोपण और वितरण का लक्ष्य

उत्तराखंड की संस्कृति और पर्यावरणीय चेतना से जुड़ा हरेला पर्व इस बार मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (MDDA) ने एक वृहद वृक्षारोपण अभियान के साथ मनाया। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी की अध्यक्षता में डिफेंस कॉलोनी स्थित गौरा देवी पार्क और आढ़त बाजार में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें जामुन, नीम, आंवला, कटहल और पॉम जैसे फलदार व औषधीय पौधों को रोपा गया।
हरेला पर्व के अवसर पर मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (MDDA) ने पर्यावरण संरक्षण को समर्पित एक वृहद वृक्षारोपण और पौधा वितरण कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम की शुरुआत डिफेंस कॉलोनी स्थित गौरा देवी पार्क और आढ़त बाजार क्षेत्र में हुई, जिसमें प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी की अध्यक्षता में पौधे लगाए गए। इस दौरान सचिव मोहन बर्निया, संयुक्त सचिव गौरव चटवाल, मुख्य अभियंता एच.सी.एस. राणा समेत कई अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
गौरा देवी पार्क, जिसे MDDA द्वारा विकसित किया जा रहा है, वहां 500 से अधिक औषधीय और फलदार पौधे रोपे गए। साथ ही आढ़त बाजार में जामुन, नीम, आंवला, कटहल और पॉम जैसे पौधों का रोपण किया गया। यह कार्यक्रम केवल प्रतीकात्मक आयोजन न रहकर एक व्यापक हरित अभियान का हिस्सा था।
MDDA ने इस अवसर पर लगभग 25,000 से 30,000 पौधे विभिन्न स्कूलों, सामाजिक संस्थाओं, स्थानीय नागरिकों और अन्य हितधारकों को वितरित किए। साथ ही, शिमला बायपास और आसपास के क्षेत्रों में भी 25,000 से 30,000 पौधों के रोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा कि “हरेला पर्व उत्तराखंड की आत्मा है। यह पर्व केवल परंपरा नहीं, बल्कि पर्यावरणीय चेतना और हमारी सामूहिक जिम्मेदारी का प्रतीक है।” उन्होंने कहा कि इस अभियान के माध्यम से MDDA न केवल हरियाली बढ़ाने का कार्य कर रहा है, बल्कि आम नागरिकों को स्थायी पर्यावरणीय विकास में सहभागी बना रहा है।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह पहल सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक जन-संवेदित प्रयास है जो नागरिकों को हरित जीवनशैली अपनाने की दिशा में प्रेरित करेगा। प्राधिकरण ने आशा जताई कि यह हरियाली केवल धरती पर ही नहीं, बल्कि सोच में भी स्थायी बदलाव लाएगी।