अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला: जांच के घेरे में आए 17 संस्थानों का दोबारा होगा सत्यापन, रुद्रप्रयाग में सामने आई नई गड़बड़ी

अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला: जांच के घेरे में आए 17 संस्थानों का दोबारा होगा सत्यापन, रुद्रप्रयाग में सामने आई नई गड़बड़ी

देहरादून, 20 जुलाई — उत्तराखंड में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले की जांच को लेकर शासन ने सख्ती बढ़ा दी है। मई 2024 में राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर संदिग्ध गतिविधियों के चलते चिन्हित किए गए 92 संस्थानों में से 17 संस्थानों में गड़बड़ी की पुष्टि के बाद अब इन संस्थानों का दोबारा सत्यापन कराया जाएगा। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को इस बाबत पत्र जारी किया है। विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि दोबारा जांच का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कहीं किसी संस्थान को त्रुटिवश जांच से बाहर तो नहीं कर दिया गया। शासन द्वारा केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को पहले ही जांच रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है।

रुद्रप्रयाग में सामने आया बाहरी छात्रों का पंजीकरण

जांच के दौरान रुद्रप्रयाग जिले के वासुकेदार क्षेत्र में संचालित श्री सरस्वती संस्कृत महाविद्यालय को लेकर एक नया मामला सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार, इस संस्थान में पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले की दो छात्राओं का पंजीकरण कराया गया, जबकि वे स्थायी रूप से उत्तराखंड की निवासी नहीं थीं। महाविद्यालय का संचालन नसरुद्दीन नामक व्यक्ति द्वारा किया जा रहा था, जो मुस्लिम समुदाय से संबंधित है। कुछ लोग इसे सांप्रदायिक नजरिये से से भी देख रहे हैं।

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डॉ. धकाते के अनुसार, यह संस्थान भी जांच के रडार पर है और इस मामले में बाहरी राज्यों के छात्रों का फर्जी पंजीकरण एक गंभीर मुद्दा है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी

Saurabh Negi

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