उत्तराखंड में बढ़ेगी मनरेगा की मजदूरी, राज्य सरकार ने केंद्र से की सिफारिश
उत्तराखंड सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों के लिए मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत मजदूरी दरों को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश की है। राज्य सरकार ने केंद्र को भेजे गए पत्र में राज्य की भौगोलिक कठिनाइयों का उल्लेख करते हुए मनरेगा मजदूरी दरों को राष्ट्रीय औसत के बराबर करने का आग्रह किया है।
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा, “मनरेगा में मजदूरी की दर में कमी या वृद्धि का अधिकार केंद्र सरकार के पास है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने मजदूरी दरों को बढ़ाने के लिए केंद्र से अनुरोध किया है।” वर्तमान में उत्तराखंड में मनरेगा मजदूरी की दर 237 रुपये प्रतिदिन है, जो राष्ट्रीय औसत 289 रुपये से काफी कम है। राज्य में अब तक 10.37 लाख परिवारों को मनरेगा के तहत जॉब कार्ड जारी किए गए हैं, जिनमें से 7.94 लाख परिवार सक्रिय हैं। पिछले वर्ष मनरेगा के तहत 139.48 लाख मानव दिवस सृजित किए गए थे।
हिमालयी राज्यों में मनरेगा मजदूरी की दरें
उत्तराखंड की मनरेगा मजदूरी दर अन्य हिमालयी राज्यों की तुलना में काफी कम है। मणिपुर में यह दर 272 रुपये, मिजोरम में 266 रुपये, सिक्किम में 249 रुपये, और लद्दाख में 259 रुपये प्रतिदिन है। उत्तराखंड की सरकार ने इस असमानता को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार से मजदूरी दरों में वृद्धि की मांग की है। राज्य की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनज़र, यह वृद्धि न केवल आवश्यक है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण है।