मुख्यमंत्री सौर योजना में महिलाओं को ‘सौर सखी’ का नाम, हर जिले में रखरखाव का प्रशिक्षण शुरू होगा

मुख्यमंत्री सौर योजना में महिलाओं को ‘सौर सखी’ का नाम, हर जिले में रखरखाव का प्रशिक्षण शुरू होगा

देहरादून, 30 मई –  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्य सेवक संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के विकासकर्ताओं से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने योजना से जुड़ी महिलाओं को ‘सौर सखी’ नाम देने की घोषणा की। साथ ही, सौर प्लांटों के रखरखाव हेतु प्रत्येक जनपद में प्रशिक्षण देने और विकासखण्ड स्तर पर विशेष शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अब तक 250 मेगावाट सौर क्षमता का लक्ष्य पूरा हो चुका है। इस योजना के तहत 20 से 200 किलोवाट तक की परियोजनाओं पर 20 से 50 प्रतिशत अनुदान और विशेष वर्गों को 5 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी दी जा रही है। ऋण पर 4 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी और यूपीसीएल द्वारा 25 वर्षों के पावर परचेज एग्रीमेंट की गारंटी भी दी जा रही है।

सीएम धामी ने बताया कि वर्ष 2027 तक 2500 मेगावाट क्षमता के लक्ष्य के साथ नई सौर ऊर्जा नीति लागू की गई है। पीएम सूर्यघर योजना और कुसुम योजना जैसे प्रयासों से राज्य में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। योजना को पारदर्शी बनाने हेतु पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से संचालित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में राज्य सरकार स्थानीय उत्पादों, पर्यटन और रोजगार को प्रोत्साहित कर रही है। ‘एक जनपद, दो उत्पाद’ योजना और ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड से राज्य के उत्पादों को देश-दुनिया में पहचान मिल रही है।

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संवाद के दौरान विभिन्न जिलों के लाभार्थियों ने अनुभव साझा किए। उत्तरकाशी के शैलेन्द्र सिंह ने योजना को पर्वतीय क्षेत्रों के लिए लाभकारी बताया। चमोली के विकास मोहन ने विकासखण्ड स्तर तक प्रचार बढ़ाने की मांग की, जबकि पौड़ी की रूपा रानी ने महिला शक्ति को ऊर्जा क्षेत्र से जोड़ने पर जोर दिया। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, निदेशक उरेडा रंजना राजगुरु, यूजेवीएनएल के एमडी संदीप सिंघल और पिटकुल के एमडी पी.सी. ध्यानी उपस्थित रहे।

Saurabh Negi

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