हर हाजी को ₹50000 की बचत, आवेदन शुल्क भी FREE
केंद्र सरकार ने हज यात्रा को लेकर बड़ी घोषणा की है और हज पॉलिसी 2023 में कुछ अहम बदलाव किए हैं। अब हज यात्रा करने के लिए यात्रियों को आवेदन शुल्क नहीं चुकाना होगा। पहले हज यात्री इसके लिए 400 रुपए देते थे। इसे अब मुफ्त कर दिया गया है। इसके साथ ही नई पॉलिसी के तहत नियम कुछ इस तरह बनाए गए हैं कि प्रत्येक यात्री अब कम से कम अपने यात्रा खर्च से 50,000 रुपए तक बचा पाएँगे।
केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा, “नई ऐतिहासिक हज पॉलिसी से तीर्थयात्रियों को वित्तीय राहत मिलेगी। आवेदन पत्र को पहली बार मुफ्त कर दिया गया है। हज पैकेज की लागत लगभग 50 हजार रुपए कम कर दी गई है।”
उल्लेखनीय है कि पहले हाजियों से बैग, सूटकेस और चादर इत्यादि चीजों के लिए पैसा लिया जाता था। सरकार अब इन चीजों को शुल्क नहीं लेगी। हज यात्री अपने हिसाब से अब सामान खरीद कर ले जा सकेंगे। इसके साथ ही इस बार दिव्यांग, बुजुर्ग और महिलाओं को हज यात्रा के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। नई हज पॉलिसी के तहत महिलाओं, नवजातों, दिव्यांगजन और बुजुर्गों के लिए एमबार्गेशन पॉइंट (Embarkation Points) वृहत पैमाने पर चयन किया गया है और इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार 25 एमबार्गेशन पॉइंट बनाए गए हैं और ये हाजी की इच्छा पर निर्भर करेगा कि वह किस एमबार्गेशन पॉइंट का चयन करते हैं। साथ ही हाजी द्वारा प्राइवेट संस्थानो से कराया गया मेडिकल जाँच मान्य नहींं होगा। हाजियों को अब सरकारी अस्पतालों में ही अपनी मेडिकल जाँच करवानी होगी।
नए नियम के मुताबिक, इस बार 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिला भी अकेले हज जाने के लिए आवेदन कर सकेंगी। साथ ही 80 प्रतिशत हाजी इस बार हज कमेटी की तरफ से हज करने जाएँगे और 20 फीसदी प्राइवेट ऑपरेटर के जरिए यात्रा करेंगे। यह पहली बार होगा जब सरकार ने हज यात्रा के लिए वीआईपी कोटा समाप्त कर दिया है। अब किसी को भी हज यात्रा के लिए वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया जाएगा। सभी सामान्य यात्रियों की तरह ही यात्रा करेंगे।