मसूरी जाम में बुजुर्ग की मौत पर मानवाधिकार आयोग सख्त, ट्रैफिक संकट पर जताई चिंता

देहरादून, 15 जुलाई — उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग ने मसूरी में 62 वर्षीय बुजुर्ग पर्यटक कमल किशोर की जाम में फंसने से हुई मौत को गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन मानते हुए स्वतः संज्ञान लिया है। आयोग ने इस मामले में प्रमुख सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक को दो सितंबर 2025 तक विस्तृत आख्या प्रस्तुत करने का आदेश जारी किया है।
यह मामला 7 जून 2025 को सामने आया था, जब दिल्ली से मसूरी आए पर्यटक कमल किशोर की तबीयत बिगड़ने पर उनके परिजनों ने एम्बुलेंस बुलवाई, लेकिन देहरादून से मसूरी तक फैले भीषण ट्रैफिक जाम के कारण एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंच सकी। परिजनों ने वैकल्पिक वाहन से उन्हें अस्पताल ले जाने का प्रयास किया, लेकिन रास्ते में लगभग 45 मिनट तक और फंसे रहे। जब तक वे अस्पताल पहुंचे, बहुत देर हो चुकी थी और कमल किशोर की मृत्यु हो गई।
इस मामले में अधिवक्ता मो. आशिक ने आयोग को भेजी शिकायत में बताया कि मृतक के परिजनों ने मीडिया से बातचीत में पर्यटकों के लिए चिकित्सा सेवाओं और ट्रैफिक प्रबंधन की बदहाली पर नाराजगी जताई थी। अधिवक्ता ने चेतावनी दी कि यदि जल्द समाधान नहीं निकाला गया, तो भविष्य में ऐसी और घटनाएं होंगी, जिनमें पर्यटक अपनी जान गवां सकते हैं।
आयोग ने कहा—सालों पुरानी समस्या विकराल रूप में
आयोग के सदस्य गिरधर सिंह धर्मशक्तू ने अपने आदेश में टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य में ट्रैफिक जाम की समस्या अब विकराल रूप ले चुकी है। इससे न केवल पर्यटक और तीर्थयात्री, बल्कि स्थानीय नागरिक भी अत्यधिक प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह घटना एक आम व्यक्ति के मानवाधिकारों के उल्लंघन की परिधि में आती है और इसपर शीघ्र नीतिगत समाधान की आवश्यकता है।