पिथौरागढ़, : नंदा देवी चोटी आरोहण के दौरान एवलांच की चपेट में आकर बर्फ में दबे सात विदेशी और एक भारतीय लाइजन अफसर की खोज एवं बचाव के लिए चलाया गया डेयर डेवल अभियान आखिरकार सफल हो गया। इसके तहत आइटीबीपी के पर्वतारोहियों ने सात शव निकाल लिए हैं। आठवें शव के लिए सोमवार को अभियान चलेगा। बरामद सात शवों में एक महिला का है।
अग्रिम चौकियों में अभियान की निगरानी कर रहे आइटीबीपी बरेली क्षेत्र के उप महानिरीक्षक एपीएस निंबाडिया ने दूरभाष पर बताया कि शवों की खोज एवं बचाव कार्य के लिए आइटीबीपी ने अपने सर्वश्रेष्ठ 18 पर्वतारोहियों को अभियान में लगाया था। जिसका नेतृत्व एवरेस्ट विजेता बल के प्रमुख पर्वतारोही आरएस सोनाल कर रहे हैं। रेस्क्यू दल को 15 जून को हेलीकॉप्टर से नंदा देवी बेस कैंप पहुंचाया गया था। इस दल के सपोर्ट के लिए 15 अन्य लोग शामिल थे, जिसमें चार पोटर्स भी हैं।
इस अवधि में रेस्क्यू दल ने हिमपात के बाद भी प्रयास जारी रखे। रविवार की सुबह भी नंदा देवी में हिमपात हुआ। बल के पर्वतारोहियों ने नंदा देवी में 17800 फीट की ऊंचाई पर बेस कैंप बनाया था। इसी बेस कैंप से शवों को निकालने का कार्य किया गया। रविवार की सुबह साढ़े तीन बजे से शवों को निकालने का कार्य चला। बल के पर्वतारोही अति कठिन माने जाने वाले स्थल तक पहुंचे। जहां बर्फ में दबे सात शव निकाल लिए हैं। उन्होंने बताया कि शव ढाई से तीन फीट तक बर्फ में दबे थे। कुछ शव को निकालने के लिए दस फीट के आसपास बर्फ हटानी पड़ी।
रविवार को यह कार्य खराब मौसम के बीच किया गया। नंदा देवी क्षेत्र में सुबह हल्की बर्फबारी हुई। निकाले गए सात शवों में एक महिला का शव है। लापता पर्वतारोहियों में आस्ट्रेलिया की महिला पर्वतारोही शामिल थीं। लापता आठवें पर्वतारोही के शव की तलाश सोमवार की सुबह की जाएगी। उन्होंने बताया कि आठवें शव के मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। शवों को हेलीकॉप्टर से पिथौरागढ़ लाया जाएगा। अभी आगे की रणनीति आठवें शव के निकल जाने के बाद तय होगी। रेस्क्यू दल 17800 फीट की ऊंचाई पर बने बेस कैंप पर है।
26 मई को आए एवलांच की चपेट में आ गया था दल
इंग्लैंड , अमेरिका और आस्ट्रेलिया के 12 पर्वतारोहियों का दल दस मई को दिल्ली से नंदा देवी ईस्ट अभियान में निकला था। 13 मई को यह दल मुनस्यारी से नंदा देवी बेस कैंप को रवाना हुआ। अभियान दल में शामिल एक पर्वतारोही स्वास्थ्य खराब होने से वापस लौट गया था। 11 पर्वतारोही अभियान में रवाना हुए। नंदा देवी ईस्ट अभियान सफल होने के बाद इंग्लैंड निवासी चार पर्वतारोही बेस कैंप में रहे। सात पर्वतारोही यहां पर एक अनाम चोटी आरोहण के दौरान लापता हो गए थे।
अनाम चोटी आरोहण के दौरान 26 मई को आए एवलांच में सात पर्वतारोही और एक आइएमएफ का लाइजन अफसर इसकी चपेट में आ गए। 31 मई को दल में शामिल पोटर्स ने इसकी सूचना आइएमएफ दिल्ली को दी। जहां से सूचना पिथौरागढ़ प्रशासन को मिली। सूचना मिलते ही वायु सेना के हेलीकॉप्टरों से नंदा देवी क्षेत्र की रैकी गई। रैकी में नंदा देवी में पांच शव नजर आए। इसी दौरान नंदा देवी बेस कैंप से चार इंग्लैंड निवासी पर्वतारोहियों को हेलीकॉप्टर से पिथौरागढ़ लाया गया। बाद में चारों पर्वतारोही अपने देश लौट गए थे।
नंदा देवी में खोज एवं बचाव के लिए जिला प्रशासन और आइटीबीपी ने खोज एवं बचाव कार्य के लिए गहन मंत्रणा की। आइटीबीपी को इसका जिम्मा सौंपा। इस अभियान का नाम डेयर डेवल देकर 15 जून से अभियान चलाया गया। 32 सदस्यीय दल में 18 पर्वतारोही आइटीबीपी के थे। साथ में सहयोग के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ पोटर्स आदि थे।
लापता पर्वतारोही
1. टीम लीडर मार्टिन मोरेन (इंग्लैंड)
2. जॉन चार्लिस मैकलर्न इंग्लैंड
3. रिचर्ड प्याने, इंग्लैंड
4. रूपर्ड वेवेल, इंग्लैंड
5. एंथोनी सुडेम, अमेरिका
6. रोनाल्ट वीमेल, अमेरिका
7. रू थ मेकेंस महिला पर्वतारोही आस्ट्रेलिया
8. चेतन पांडेय, लाइजन अफसर
मार्टिन मोरेन विश्व प्रसिद्ध पर्वतारोही था। इससे पूर्व वह नंदा कोट सहित हिमालय की कई चोटियों का आरोहण कर चुके थे।
चार टैकर्स को पहले ही निकाला जा चुका है
नंदा देवी अभियान के दौरान बेस कैंप में फंसे इंग्लैंड निवासी चार ट्रैकर्स को हैलीकॉप्टर से सेना ने रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाल लिया था। जिसके बाद उन्हें सेना के ही हॉस्पीटल में पहुंचा दिया गया। चारों ट्रैकर्स नंदा देवी आरोहण दल में शामिल थे परंतु चोटी आरोहण में नहीं गए थे। जिसमें एक महिला ट्रैकर्स भी शामिल है। बेस कैम्प से जरचे क्वैन 32 वर्ष पुत्र मिशेल क्वैन निवासी यूके, केट आर्मस्टान 39 वर्ष पत्नी मैथ्यू आर्मस्ट्रांग निवासी यूके, इयान बडे 45 वर्ष पुत्र एंथोनी बडे निवासी यूके और मार्क थॉमस 44 वर्ष पुत्र विलिसन निवासी यूके को बेस कैम्प से पिथौरागढ़ के सेना अस्पताल पहुंचा दिया गया है।
1939 से चल रहे हैं नंदा देवी अभियान
नंदा देवी आरोहण अभियान वर्ष 1939 से चल रहे हैं। प्रथम एवरेस्ट विजेता तेनजिंग नोर्के भी नंदा देवी आरोहण किए हैं। नंदा देवी चोटी पर दुनिया के कई देशों के पर्वतारोही चढ़े हैं। 1967-68 में तो अमेरिका और भारत के संयुक्त अभियान में यहां पर रडार लगाने के लिए उपकरण भी ले जाए गए थे। उपकरण चोटी तक नहीं पहुंच पाए थे।
नंदा देवी आरोहण के अभियान
1. 1939 – पोलैंड के पर्वतारोही चढ़े
2. 1951 – फ्रांस के दल का अभियान, जिसमें एवरेस्ट विजेता तेनजिंग नोर्के भी शामिल थे।
3. 1975 – भारत और फ्रांस के पर्वतारोहियों का संयुक्त अभियान
4. 1976 – भारत और जापान के पर्वतारोहियों का संयुक्त अभियान
5. 1991 – भारत और रूस के पर्वतारोहियों का संयुक्त अभियान
6. 1992 – सीमा सुरक्षा बल के पर्वतारोहियों का अभियान
7.1994- स्पेनिश पर्वतारोहियों का अभियान
8.1995- भारत – अमेरिका का संयुक्त अभियान
2017 में लापता हुए थे सात जवान
वर्ष 2017 में चले नंदा देवी अभियान में सात जवान लापता हुए थे। जबकि इससे पहले पंचाचूली अभियान में भी आइटीबीपी के सात पर्वतारोही लापता हुए हैं। पर्वतारोहण के क्षेत्र के कार्य करने वाली आइस संस्था के पर्वतारोही वासु पांडेय बताते हैं कि नंदा देवी में कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जो एवलांच के लिहाज से संवेदनशील हैं। इस साल अधिक हिमपात के चलते इस बार एवलांच के अधिक आसार भी हैं। नंदा देवी क्षेत्र काफी सुंदर है। पर्वतारोही मार्टिन को यह खूब भाता है।