नंदा राजजात यात्रा 2026: अब केवल 11 माह शेष, एक करोड़ श्रद्धालुओं की संभावना; समिति ने परिषद गठन की मांग

नंदा राजजात यात्रा 2026: अब केवल 11 माह शेष, एक करोड़ श्रद्धालुओं की संभावना; समिति ने परिषद गठन की मांग

देहरादून – ऐतिहासिक नंदा देवी राज जात यात्रा 2026 की तैयारियों में अब सिर्फ 11 माह का समय शेष है, लेकिन अभी तक राज्य सरकार की ओर से ठोस कदम न उठाए जाने पर नंदा राजजात समिति ने चिंता जताई है। समिति ने तत्काल नंदा देवी परिषद के गठन की मांग की है, ताकि इस महायात्रा की व्यवस्थाओं को समय पर पूरा किया जा सके। अनुमान है कि इस बार यात्रा में लगभग एक करोड़ श्रद्धालु शामिल होंगे।

रविवार को राजपुर रोड स्थित तेहरी राजपरिवार के सदस्य भवानी प्रताप सिंह पंवार के आवास पर समिति की बैठक हुई। बैठक में यात्रा मार्ग की स्थिति, पड़ावों पर सुविधाओं, सुरक्षा, भोजन, चिकित्सा व्यवस्था और पर्यावरण संरक्षण पर चर्चा की गई। समिति ने कहा कि यह यात्रा लगभग 280 किलोमीटर लंबी है और सात ऐसे पड़ावों से गुजरती है, जहां कोई स्थायी बस्ती नहीं है। इसे ‘हिमालय का महाकुंभ’ भी कहा जाता है।

समिति अध्यक्ष प्रो. राकेश चंद्र सिंह कुंवर ने कहा कि सरकार को सभी पड़ावों पर बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करनी होंगी। महामंत्री भुवन नौटियाल ने कहा कि सड़कों और पुलों की मरम्मत का कार्य तुरंत शुरू किया जाए और परिषद गठन में देरी न हो, ताकि सभी विभागों में समन्वय बन सके। समिति ने यह भी सुझाव दिया कि बेदिनी बुग्याल से आगे सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति दी जाए और उनके स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य हों।

बैठक में सांस्कृतिक और अकादमिक संरक्षण पर भी विचार हुआ। अल्मोड़ा इकाई के प्रमुख मनोज वर्मा ने बताया कि परंपरा के अनुसार कुमाऊं की नंदा यात्रा नंद केसरी में मिलकर आगे बढ़ेगी। सामान्य सचिव मनोज संवाल ने नंदा देवी यात्रा से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों के दस्तावेजीकरण और ‘नंदा देवी विश्वविद्यालय’ की स्थापना का प्रस्ताव रखा, जिससे उत्तराखंड की लोकसंस्कृति को संरक्षित किया जा सके।

टिहरी राजपरिवार के प्रतिनिधि भवानी प्रताप सिंह पंवार ने कहा कि यह यात्रा गढ़वाल-कुमाऊं की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। उन्होंने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA), नई दिल्ली से इस यात्रा का पूर्ण दस्तावेज तैयार करने की अपील की। साथ ही राज्य सरकार से अग्रिम फंड जारी करने और बुग्यालों की रक्षा के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करने की मांग की।

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बैठक में यात्रा के विभिन्न पहलुओं के लिए कई उप-समितियों का गठन किया गया। बैठक में भुवन नौटियाल, शिव पैंयुली, डॉ. अविनाश चंद्र जोशी, प्रो. सुभाष चंद्र थलेड़ी, मेजर जनरल कुँवर दिग्विजय सिंह (सेवानिवृत्त), डॉ. हरीश चंद्र मैखुरी, डॉ. नंदकिशोर हटवाल, डी.एस. कुँवर, लक्ष्मी रावत, कुंदन सिंह टिकोला, रश्मि पुरोहित, कर्नल डी.एस. बर्तवाल, मनोज पुरोहित, हरीश चंद्र नौटियाल, ऐश्वर्या नौटियाल, आशीष कुमार और विवेक नौटियाल सहित कई सदस्य उपस्थित रहे।

Saurabh Negi

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