राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर बच्चों को दी गई कृमिनाशक दवा, राज्यभर में चलाया गया जागरूकता अभियान

देहरादून, 8 अप्रैल 2025: उत्तराखंड में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तत्वावधान में मंगलवार को “राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस” का आयोजन किया गया। इस अवसर पर देहरादून स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, राजपुर रोड में एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें स्कूली बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाव के लिए एल्बेंडाजॉल 400 मिलीग्राम की दवा वितरित की गई। कार्यक्रम में स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
मिशन निदेशक स्वाति एस. भदौरिया ने जानकारी दी कि कृमि संक्रमण बच्चों में कुपोषण, एनीमिया, थकावट, पढ़ाई में ध्यान न लगना और विकास में बाधा जैसी कई समस्याओं का कारण बनता है। एल्बेंडाजॉल दवा इसके नियंत्रण के लिए सुरक्षित और प्रभावी उपाय है। उन्होंने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य बच्चों के पोषण स्तर, मानसिक और शारीरिक विकास को बेहतर बनाना है।
राज्य के सभी 13 जिलों में 1 से 19 वर्ष की आयु के 36 लाख से अधिक बच्चों को लक्षित करते हुए यह दवा वितरित की जा रही है। यह अभियान न केवल स्कूलों तक सीमित है, बल्कि आंगनवाड़ी केंद्रों, कोचिंग संस्थानों, तकनीकी कॉलेजों और शहरी मलिन बस्तियों में भी चलाया जा रहा है। स्कूल न जाने वाले बच्चों को आशा कार्यकर्ताओं की मदद से चिन्हित कर आंगनवाड़ी केंद्रों पर दवा देने की व्यवस्था की गई है।
16 अप्रैल को मॉप-अप दिवस
जो बच्चे किसी कारणवश 8 अप्रैल को दवा नहीं ले सके, उन्हें 16 अप्रैल को मॉप-अप दिवस के तहत दवा दी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए विशेष रणनीति तैयार की है ताकि कोई भी बच्चा वंचित न रहे।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह सुनिश्चित किया गया है कि एल्बेंडाजॉल सेवन के दौरान किसी बच्चे को यदि कोई प्रतिकूल प्रभाव होता है, तो उसके लिए जिले और ब्लॉक स्तर पर RBSK (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) की मोबाइल टीमें तैनात की गई हैं। इसके अलावा, 104 और 108 हेल्पलाइन नंबर भी सक्रिय रखे गए हैं।
महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा झरना कमठान ने कहा कि स्वस्थ बचपन ही मजबूत राष्ट्र की नींव है और राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम इसी दिशा में एक सशक्त पहल है। उन्होंने कहा कि बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों के नोडल शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं।
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कार्यक्रम में स्वास्थ्य मिशन निदेशक स्वाति एस. भदौरिया, झरना कमठान (महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा), डॉ. मनोज उप्रेती (निदेशक, स्वास्थ्य महानिदेशालय), डॉ. मनु जैन (निदेशक, एनएचएम), डॉ. मनोज शर्मा (मुख्य चिकित्सा अधिकारी, देहरादून), डॉ. अर्चना ओझा, डॉ. अजय नगरकर, प्रेमलता बौडाई (प्रधानाचार्य, जीजीआईसी राजपुर रोड, देहरादून) और अन्य अधिकारी व शिक्षक उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम को एनीमिया मुक्ति भारत अभियान, राष्ट्रीय पोषण नीति और स्वच्छ भारत मिशन के साथ भी जोड़ा गया है ताकि समन्वित प्रयासों से बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य लाभ मिल सके।