नए पर्यटक स्थल विकसित होंगे, फोकस निवेशकों को प्रोत्साहित करने पर
प्रदेश की नई पर्यटन नीति से निवेश को बढ़ावा देने के लिए नए पर्यटक स्थल विकसित किए जाएंगे। पर्यटन निवेश के लिए नीति में प्रदेश के शहरों को तीन श्रेणियों में अलग किया गया है। इनमें पर्यटन की दृष्टि से अनछुए स्थलों पर निवेश करने पर सरकार की ओर से 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा हेली टूरिज्म, कैरावान टूरिज्म, एडवेंचर, कैब ऑपरेटर (इलेक्ट्रिक वाहन) में निवेश पर 100 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
पर्यटन निवेश बढ़ाने के लिए सरकार ने नई पर्यटन नीति को मंजूरी दी है। इसमें पर्यटन क्षेत्र में निवेश प्रोत्साहन का लाभ लेने के लिए प्रोजेक्ट लागत की न्यूतनम सीमा पांच करोड़ रुपये की गई है। निवेश को प्रोत्साहित करने से प्रदेश में पर्यटन के लिहाज से अनछुए स्थल विकसित होंगे। इससे पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलने के साथ रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
शहरों की श्रेणियां
नई नीति में पर्यटन क्षेत्र में निवेश के लिए शहरों को तीन श्रेणियों में रखा गया है।
श्रेणी-ए: हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर, देहरादून, रानीखेत, अल्मोड़ा तहसील।
श्रेणी-बी: जिला अल्मोड़ा शेष क्षेत्र, देहरादून जिले की कालसी, चकराता और त्यूनी तहसील, बागेश्वर का गरुड़, पौड़ी जिले का कोटद्वार, लैंसडौन, यमकेश्वर और धूमाकोट तहसील, टिहरी गढ़वाल की धनौल्टी और नरेंद्रनगर तहसील।
श्रेणी-सी: उत्तरकाशी, चमोली, चंपावत, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, बागेश्वर जिले का शेष क्षेत्र, पौड़ी और टिहरी जिले के वे शेष क्षेत्र जो श्रेणी-बी में शामिल नहीं हैं।