नैनीताल में पेड़ों की अवैध कटाई और निर्माण कार्यों पर एनजीटी की सख्ती

नैनीताल में पेड़ों की अवैध कटाई और निर्माण कार्यों पर एनजीटी की सख्ती

पर्यटन नगरी नैनीताल में पेड़ों की अवैध कटाई और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के मामले में एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने सख्त रुख अपनाया है। नैना देवी बर्ड रिजर्व क्षेत्र के पंगोट और समीपवर्ती वन क्षेत्रों में वन अधिनियम और वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की अनदेखी कर होटल, रिसॉर्ट, रेस्ट हाउस और होम स्टे का निर्माण धड़ल्ले से हो रहा है। इस अवैध गतिविधि से न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि वन्य जीवों के संरक्षण पर भी संकट मंडरा रहा है।

मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक के पास नहीं है रिकॉर्ड

बर्ड रिजर्व क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को लेकर दी गई अनुमति का कोई रिकॉर्ड मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक के पास नहीं है। नैनीताल शहर में पिछले पांच वर्षों में पातन समिति ने करीब 300 पेड़ों की कटाई की अनुमति दी, लेकिन करीब 100 पेड़ों को अवैध रूप से काटा गया। वन विभाग ने संबंधित व्यक्तियों से करीब पांच लाख रुपये का जुर्माना वसूला, लेकिन वन अपराध में एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

एनजीटी का विस्तृत आदेश

एनजीटी ने नैनी झील के आसपास के क्षेत्रों में पेड़ों की कटाई के पर्यावरणीय प्रभावों को लेकर दायर मामले में सुनवाई के बाद विस्तृत आदेश पारित किया है। एनजीटी ने 16 अगस्त को प्रमुख सचिव पर्यावरण एवं वन और अन्य अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है।

पेड़ों की कटाई पर जताया आश्चर्य

एनजीटी ने कहा कि यह वास्तव में आश्चर्यजनक है कि वन और हरित क्षेत्र के महत्वपूर्ण विस्तार क्षेत्र उत्तराखंड में पेड़ों की अवैध कटाई से जुड़ी ऐसी गतिविधियां हो रही हैं, खासकर ऐतिहासिक और पर्यटन महत्व के स्थान नैनीताल शहर में। नैनी झील के आसपास बड़े पैमाने पर पेड़ों की अवैध कटाई का मामला अप्रैल 2022 में मल्लीताल निवासी विवेक वर्मा की ओर से शिकायती पत्र के बाद सामने आया था।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की विफलता

एनजीटी ने कहा कि उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी पेड़ों की अवैध कटाई के कारण पर्यावरण को हुए नुकसान के लिए कोई भी कार्रवाई करने में बुरी तरह विफल रहा है।

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मामूली रकम वसूली

नैनीताल डीएफओ चंद्रशेखर जोशी ने अपने जवाब में बताया कि कुछ व्यक्तियों से पेड़ों की अवैध कटाई के लिए मामूली रकम वसूली गई है, लेकिन कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई है। डीएफओ ने नैनीताल शहर में 98 पेड़ों की कटाई के लिए आरोपियों से 4.94 लाख रुपये का अर्थदंड वसूला है।

एनजीटी ने इस मामले में अधिवक्ता आकाश वशिष्ठ को न्यायमित्र नियुक्त किया है। उन्होंने एनजीटी को बताया कि वर्ष 2017 से 2022 तक पांच वर्षों के दौरान पेड़ काटने वाली समिति ने 365 पेड़ों की कटाई की अनुमति दी। समिति में विशेषज्ञ और स्वतंत्र विचार के लोग नहीं बल्कि राजनीतिक पैनल अधिक है। अधिकांश सदस्य पार्षद और होटल व्यवसायी हैं।

इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए एनजीटी ने सख्त निर्देश दिए हैं, ताकि पर्यावरण संरक्षण के उपायों को प्रभावी रूप से लागू किया जा सके और नैनीताल का प्राकृतिक सौंदर्य बना रहे।

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