सातवीं बार मुख्यमंत्री बन कर नया इतिहास रचेंगे नीतीश कुमार

सातवीं बार मुख्यमंत्री बन कर नया इतिहास रचेंगे नीतीश कुमार

नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के शासन की शिल्प-शैली के आगे सियासत के सारे कीर्तिमान छोटे पड़ने जा रहे हैं। सोमवार को राजभवन (Raj Bhawan) में जैसे ही नीतीश मुख्यमंत्री (CM) पद की शपथ लेकर अपनी जिम्मेवारियों की अवधि का विस्तार करेंगे, वैसे ही राष्ट्रीय स्तर पर सबसे ज्यादा बार मुख्यमंत्री बनने के रिकार्ड की बराबरी कर लेंगे। देश में सातवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने का रिकार्ड अभी तक सिर्फ गोवा के मुख्‍यमंत्री रहे प्रताप सिंह राणे (Rana Pratap Singh Rane) के पास है। राणे 1980 से 2007 के बीच अलग-अलग समय में सात बार मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल चुके हैं।

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं जयललिता को पीछे छोड़ा

भारतीय जनता पार्टी (BJP) समेत चार दलों के साथ बिहार में राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की नई सरकार बनाने जा रहे नीतीश कुमार इस मामले में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रह चुकी जयललिता को पीछे छोड़ देंगे। वर्ष 2016 में निधन से पहले तक जयललिता अलग-अलग समय में कुल छह बार मुख्यमंत्री रहीं थीं। उक्त दोनों नेताओं के अलावा देश का कोई भी नेता किसी भी राज्य में इतनी अधिक बार मुख्यमंत्री की जिम्मेवारी नहीं संभाल सका है।

कई नेताओं के पास लंबी अवधि तक मुख्यमंत्री रहने का रिकार्ड

हालांकि, लंबी अवधि तक मुख्यमंत्री रहने का रिकार्ड देश में कई नेताओं के पास है। सिक्किम में पवन चामलिंग, पश्चिम बंगाल में ज्योति बसु, अरुणाचल प्रदेश में जियांग अपांग, त्रिपुरा में मानिक सरकार और दिल्ली में शीला दीक्षित के नाम पर ये रिकार्ड हैं। बिहार में भी नीतीश कुमार से ज्यादा समय तक श्रीकृष्ण सिंह मुख्यमंत्री की जिम्मेवारी संभाल चुके हैं।

पहली बार तीन मार्च वर्ष 2000 को मुख्यमंत्री पद की ली थी शपथ

केंद्र सरकार के कैबिनेट मंत्री से इस्तीफा देकर नीतीश कुमार ने पहली बार वर्ष 2000 में तीन मार्च को बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। हालांकि, तब एनडीए के पास पर्याप्त बहुमत नहीं था। लिहाजा मात्र सात दिनों के भीतर उन्हें 10 मार्च को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा, जिसके बाद वह फिर दिल्ली की राजनीति में लौट गए। दोबारा नीतीश कुमार 2005 में बिहार में पूर्ण बहुमत के साथ वापसी की और 24 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस बार उनकी पारी लंबी चली। उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया और 2010 के आम चुनाव में पहले से ज्यादा सशक्त बनकर लौटे। तीसरी पारी के रूप में 26 नवंबर 2010 को सीएम पद की शपथ ली। यह पारी उनकी 17 मई 2014 तक चली।

अब सातवीं बार मुख्यमंत्री बन कर नया इतिहास रचेंगे नीतीश

लोकसभा चुनाव में शिकस्त की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए नीतीश ने अपने ही दल के जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया और खुद संगठन में ध्यान लगाया। हालांकि, उत्तराधिकारी के अपनी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने के चलते नीतीश को सरकार में लौटना पड़ा। सियासी उठापटक के बीच नीतीश ने 22 फरवरी 2015 को चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यह पारी 19 नवंबर 2015 तक चली। आम चुनाव में नीतीश के चेहरे पर बिहार ने फिर भरोसा किया और जनता दल यूनाइटेड, राष्‍ट्रीय जनता दल, कांग्रेस के गठबंधन को जीत दिलाई। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में नीतीश ने 20 नवंबर 2015 को पांचवी बार शपथ ली। इसी बीच आरजेडी से संबंधों में खटास के चलते 26 जुलाई 2017 को उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। 27 जुलाई 2017 को बीजेपी के साथ नीतीश ने छठी बार मुख्यमंत्री बने और 15 नवंबर 2020 तक बने रहे। अब सोमवार को मुख्यमंत्री के रूप में सातवीं बार उनकी शपथ देश में नया इतिहास बनाने जा रही है। मुख्यमंत्री रहते हुए नीतीश तीन बार 2006, 2012 और 2018 में लगातार विधान परिषद के सदस्य भी चुने गए।

सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री

  • पवन चामलिंग : सिक्किम : 23 वर्ष चार महीने 18 दिन
  • ज्योति बसु : पश्चिम बंगाल : 23 वर्ष चार महीने सात दिन
  • जियांग अपांग : अरुणाचल प्रदेश : 22 वर्ष सात महीने
  • मानिक सरकार : त्रिपुरा : 20 वर्ष
  • शीला दीक्षित : 15 वर्ष 25 दिनबार-बार नीतीश कुमार
  • 3 मार्च 2000 से 10 मार्च 2000 तक
  • 24 नवंबर 2005 से 24 नवंबर 2010 तक
  • 26 नवंबर 2010 से 17 मई 2014 तक
  • 22 फरवरी 2015 से 19 नवंबर 2015 तक
  • 20 नवंबर 2015 से 26 जुलाई 2017 तक
  • 27 जुलाई 2017 से 15 नवंबर 2020 तक
  • 16 नवंबर 2020 से सातवीं पारी जारी

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