‘No NPS, No UPS, Only OPS’, पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर उत्तराखंड में जोर, ट्रेंड हुआ
उत्तराखंड में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कर्मचारियों और शिक्षकों ने आवाज बुलंद की है। गुरुवार को राष्ट्रीय स्तर पर पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन द्वारा आयोजित अभियान पूरे दिन सोशल मीडिया एक्स पर ट्रेंड करता रहा। अभियान के तहत उत्तराखंड के शिक्षक और सरकारी कर्मचारियों ने अपनी पोस्ट्स के जरिए पुरानी पेंशन की बहाली की मांग की। प्रदेश अध्यक्ष जीत मणि पैन्यूली ने बताया कि इस अभियान के प्रति कर्मचारियों और अधिकारियों में भारी उत्साह देखा गया। सभी ने एक स्वर में पुरानी पेंशन (ओपीएस) को बहाल करने की मांग की और नई पेंशन प्रणाली (एनपीएस) व यूपीएस का विरोध किया। अभियान में मुख्यालय, निदेशालय, विधानसभा और सचिवालय के अधिकारियों ने भी योगदान दिया।
अब 2 से 6 सितंबर तक सभी कर्मचारी काली पट्टी बांधकर काम करेंगे और मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजेंगे। इस अभियान में प्रांतीय अध्यक्ष महिला उर्मिला द्विवेदी, प्रांतीय प्रवक्ता सूर्य सिंह पंवार, मीडिया प्रभारी मनोज अवस्थी सहित अन्य कई पदाधिकारी शामिल हुए।
कर्मचारियों के लाभ में कटौती की आशंका –
पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रदेश प्रभारी विक्रम सिंह रावत ने कहा कि पुरानी पेंशन कर्मचारियों का अधिकार है और नई पेंशन प्रणाली कर्मचारी विरोधी है। उन्होंने कहा कि एनपीएस और यूपीएस के तहत कर्मचारियों से कटौती की जा रही है, जबकि पुरानी पेंशन में ऐसी कोई कटौती नहीं थी।
प्रदेश महामंत्री सीताराम पोखरियाल ने बताया कि यूपीएस का लाभ केवल उन कर्मचारियों को मिलेगा जिन्होंने 25 साल की सेवा की हो, जिससे उत्तराखंड के अधिकांश कर्मचारी वंचित रह सकते हैं। सरकार को अक्तूबर 2005 से पहले की पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करना होगा, अन्यथा आंदोलन तेज किया जाएगा।