करीब 22,494.66 करोड़ रुपए की लागत से तैयार इस पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर इस वर्ष तक कोई टोल नहीं लगेगा

करीब 22,494.66 करोड़ रुपए की लागत से तैयार इस पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर इस वर्ष तक कोई टोल नहीं लगेगा

उत्तर प्रदेश को विकास के मार्ग पर तेज रफ्तार से दौड़ाने के मकसद से तैयार उत्तर प्रदेश सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर वाहन मंगलवार दोपहर बाद से फर्राटा भरेंगे। करीब 22,494.66 करोड़ रुपए की लागत से तैयार इस पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर इस वर्ष तक कोई टोल नहीं लगेगा। इस पर लोग अब लखनऊ से बाराबंकी, अमेठी, सुलतानपुर, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़ व मऊ से गाजीपुर तक जा सकेंगे।

उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथारिटी (यूपीडा) ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र के विकास का बड़ा मार्ग खोला है। राज्य सरकार का प्रोजेक्ट अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकरनगर के साथ ही साथ आर्थिक रूप से कम विकसित जनपदों आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर को प्रदेश की राजधानी लखनऊ से जोडऩे का बड़ा काम करेगा। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे लखनऊ में सुल्तानपुर रोड (एनएच-731) पर ग्राम चांदसराय, से प्रारंभ होकर यूपी-बिहार सीमा से 18 किलोमीटर पहले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 पर स्थित गाजीपुर के ग्राम हैदरिया पर समाप्त होगा। एक्सप्रेसवे की लंबाई 340.824 किलोमीटर है।

इस प्रोजेक्ट से जनपद लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ तथा गाजीपुर जिले काफी लाभान्वित होंगे। एक्सप्रेस-वे के दोनों किनारों पर इंडस्ट्रीयल हब बनाने के लिए सरकार ने यूपीडा को अधिकृत किया है। बड़े पैमाने पर स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान किया गया। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के दौनों ओर औद्योगिक गलियारा विकसित करने का काम प्रगति पर है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण से प्रदेश का पूर्वी क्षेत्र राजधानी एवं आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे व यमुना एक्सप्रेसवे के माध्यम से देश की राजधानी से त्वरित एवं सुगम यातायात के कॉरिडोर से जुड़ गया है।

एक्सप्रेसवे छह लेन चौड़ा है, इसको आठ लेन का भी विस्तार दिया जा सकता है। एक्सप्रेस-वे के एक ओर सर्विस रोड स्टैगर्ड रूप में बनाई गई है। जिससे परियोजना के आस-पास के गांव के निवासियों को एक्सप्रेसव पर सुगम आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर कुल छह टोल प्लाजा, 18 फ्लाईओवर, सात रेलवे ओवर ब्रिज, साथ बड़े सेतु, 118 छोटे सेतु, 13 इंटरचेंज, पांच रैम्प प्लाजा, 271 अंडरपास तथा 503 पुलियों का निर्माण हुआ है।

एक्सप्रेसवे पर आपातकालीन स्थिति में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों के लैंडिंग/टेक ऑफ के लिए जनपद सुल्तानपुर में 3.2 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी का निर्माण भी हुआ है। एक्सप्रेसवे पर सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में वृहद वन महोत्सव का कार्य चार जुलाई 2021 को संपन्न किया गया। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर आठ टॉयलेट ब्लॉक्स हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर दुर्घटना होने की स्थिति में घायलों को त्वरित उपचार एवं नजदीकी चिकित्सालय में पहुंचाने के लिए प्रत्येक पैकेजों में दो-दो यानी 16 एंबुलेंस की सुविधा मिलेगी।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण से संपूर्ण प्रदेश का सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। एक्सप्रेस-वे के प्रवेश नियंत्रित होने से वाहनों के ईंधन खपत में महत्वपूर्ण बचत एवं प्रदूषण नियंत्रण भी संभव हो सकेगा। यह एक्सप्रेसवे हैंडलूम उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, भंडारण गृह, मंडी तथा दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए उत्प्रेरक बनेगा। एक्सप्रेसवे के निर्माण से परियोजना आच्छादित क्षेत्रों में पर्यटन के विकास को बल मिलेगा एवं विकास से उपेक्षित प्रदेश के इन पूर्वी क्षेत्रों का सर्वांगीण एवं चहुंमुखी विकास संभव हो सकेगा।

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