प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रोकने को एक साल में एक भी मानक नहीं बना

प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रोकने को एक साल में एक भी मानक नहीं बना

प्रदेश के 5396 प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ोतरी और किताबों से जुड़ी मनमानी पर रोक लगाने के लिए सरकार ने बीते वर्ष उत्तराखंड में विद्यालय मानक प्राधिकरण (एसएसएसए) का गठन किया। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को इस प्राधिकरण के रूप में काम करने के लिए अधिकृत किया गया, लेकिन प्राधिकरण इन स्कूलों के लिए एक भी मानक नहीं बना पाया है।

प्रदेश के सरकारी, अशासकीय और निजी सभी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और जरूरी मानकों के लिए शासन ने एससीईआरटी को राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण के रूप में काम करने के लिए नामित किया था। पांच जनवरी 2022 को शासन की ओर से इसका आदेश जारी करते हुए कहा गया कि प्राधिकरण बच्चों की सुरक्षा, आधारभूत ढांचा, कक्षा-विषयों के आधार पर शिक्षकों की संख्या, वित्तीय ईमानदारी आदि पर न्यूनतम मानक बनाएगा।

नियम कानून बनाने के मामले में बात एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी
मानक प्राधिकरण को उसके दायरे में आने वाले राज्य के समस्त 16501 सरकारी, 614 अशासकीय और 5396 निजी स्कूल में शिक्षा के सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाने थे। स्कूलों की मान्यता की शर्त तय करने, उसका पालन कराने और स्कूलों से संबंधित किसी भी तरह की कोई शिकायत मिलने पर उसकी जांच भी प्राधिकरण को करनी थी।

विभागीय अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बनने वाला प्राधिकरण एक अर्द्ध न्यायिक आयोग है, जो किसी स्कूल की मान्यता पूरी तरह से समाप्त करने के साथ ही स्कूल को दंडित कर सकता है। एक वेबसाइट बनाकर स्कूलों की कक्षाओं, छात्रों, शिक्षकों की संख्या, पढ़ाए जाने वाले विषय, फीस आदि की सूचनाओं को सार्वजनिक कराएगा। निजी स्कूलों के शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए वेतन भी तय करेगा, लेकिन शासनादेश के बाद इस दिशा में नियम कानून बनाने के मामले में बात एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी।

हर साल शिक्षा सत्र शुरू होते ही निजी स्कूलों पर स्कूल ड्रेस, किताब और फीस वृद्धि को लेकर मनमानी के आरोप लगते रहे हैं। इस पर रोक के लिए सरकार की ओर से फीस एक्ट लागू करने का वादा किया जाता रहा है। पूर्ववर्ती हरीश रावत की कांग्रेस सरकार में इसके लिए एक्ट का ड्राफ्ट तैयार किया गया था, लेकिन तब सरकार इसे लागू करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। इसके बाद भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार में भी कुछ ऐसा ही हुआ। अब पिछले साल सरकार की ओर से एनईपी के तहत प्राधिकरण के गठन का आदेश हुआ, लेकिन प्राधिकरण का अब तक न ढांचा बना न ही इस दिशा में कोई नियम कानून बना पाया है।

केंद्र सरकार ने एनसीईआरटी को और एनसीईआरटी ने सीबीएसई को स्कूल मानक प्राधिकरण के नियम कानून बनाने के लिए अधिकृत किया है। सभी स्कूल इसके दायरे में आएंगे। सीबीएसई की ओर से एक आदर्श ढांचा बनाया जाना है, जिसके आधार पर राज्य में भी काम किया जाएगा। – आरडी शर्मा, अपर निदेशक एससीईआरटी

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