श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में 55 वर्षीय महिला के गले से निकाला गया एक किलो का थायराइड ट्यूमर
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के नाक, कान, गला रोग विभाग की प्रमुख डॉ. त्रिप्ती ममगाईं और उनकी टीम ने एक दुर्लभ सर्जरी करते हुए 55 वर्षीय शांति देवी के गले से एक किलो का थायराइड ट्यूमर निकाला। रुद्रप्रयाग निवासी शांति देवी लंबे समय से गले में सूजन की समस्या से परेशान थीं। पहले उन्होंने दिल्ली और उत्तराखंड के कई प्रतिष्ठित अस्पतालों में इलाज कराया, लेकिन संतोषजनक परिणाम न मिलने पर अंततः वह श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल पहुंचीं, जहां उनकी सफल सर्जरी की गई।
गले से छाती तक पहुंचा था ट्यूमर
डॉ. त्रिप्ती ममगाईं ने बताया कि ट्यूमर मरीज़ के गले से छाती के अंदर तक फैल गया था, जिससे सांस लेने और खाने में दिक्कत हो रही थी। आमतौर पर इस तरह के ट्यूमर को निकालने के लिए छाती की हड्डी को काटना पड़ता है, लेकिन डॉ. त्रिप्ती ने इसे गले के रास्ते ही बाहर निकालने में सफलता पाई। मेडिकल साइंस में इसे मल्टी नॉड्यूलर गॉइटर कहा जाता है, जो मरीज को 20 वर्षों से परेशान कर रहा था।
जटिल सर्जरी में कई चुनौतियां
सर्जरी के दौरान सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि ट्यूमर को निकालते समय छाती की नसों और वोकल कॉर्ड को नुकसान न पहुंचे। ट्यूमर छाती की नसों से चिपका हुआ था और वोकल कॉर्ड के बेहद करीब था, जिससे मरीज़ की जान को खतरा था। पांच घंटे तक चली इस सर्जरी में डॉ. त्रिप्ती के साथ डॉ. शरद हरनोट, डॉ. ऋषभ डोगरा, डॉ. फातमा और एनेस्थीसिया टीम के डॉ. पराग और डॉ. स्वाति ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सर्जरी के बाद मरीज़ को पूरी तरह ठीक पाकर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।