चमोली जिले में बादल फटने से एक जूनियर इंजीनियर की मौत; पांच घायल

चमोली जिले में बादल फटने से एक जूनियर इंजीनियर की मौत; पांच घायल

चमोली जिले के तहसील पोखरी क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले राजस्व क्षेत्र के ताली अंसारी गांव में आज तड़के करीब तीन बजे बादल फट गया। इससे मकान के ऊपर भूस्‍खलन हो गया। इसमें सड़क बना रही कंपनी के अवर अभियंता की मौत हो गई, जबकि पांच लोग घायल हो गए। उनका सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पोखरी में इलाज चल रहा है।

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार, बादल फटने से हुए भूस्खलन से मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। मलबे में दबने से अवर अभियंता मयंक सेमवाल (24 वर्ष) पुत्र सतीश चंद्र निवासी ग्राम बेनोली पोस्ट तिलवाड़ा जनपद रुद्रप्रयाग की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पोकलेंड  मशीन ऑपरेटर जयपाल सिंह (31 वर्ष) पुत्र जोगीराम निवासी ग्राम व पोस्ट ऑफिस टिंबी थाना सिलाई जनपद सिरमौर हिमाचल प्रदेश,  जेसीबी ऑपरेटर अनिल सिंह (25 वर्ष) पुत्र वीरेंद्र सिंह निवासी ग्राम नौली पोस्ट ऑफिस कलसिर पोखरी चमोली, मजदूर रमेश (24 वर्ष) पुत्र चंचल निवासी निवासी बांसगढ़ी जिला वर्धा नेपाल घायल हो गए। इसके अलावा दो अन्य लोगों को भी चोटें आईं हैं। बताया गया कि क्षेत्र में पीएमजीएसवाई योजना के तहत सड़क निर्माण हो रहा था। सभी लोग पंचायत घर में रह रहे थे। पंचायत घर की प्रथम तल भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुआ है। ग्राम प्रधान रविंद्र सिंह ने बताया कि घटना के बाद स्थानीय निवासियों ने राहत बचाव कार्य कर घायलों को चिकित्सालय पहुंचाया।

टिहरी में ऋषिकेश-गंगोत्री राजमार्ग मार्ग नरेंद्रनगर में अभी बंद

टिहरी में ऋषिकेश-गंगोत्री राजमार्ग मार्ग नरेंद्रनगर में चाचा भतीजा होटल के पास यातायात के लिए दूसरे दिन भी नहीं खुल पाया है। हल्के वाहनों को बाईपास पीटीसी से डायवर्ट किया गया है। वहीं, चमोली में गौचर के पास बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पहाड़ी से आये पत्थर व भारी मलवा आने से सोमवार रात्रि से बंद है। निर्माणदाई संस्था मार्ग खोलने के अभियान में जुटी है।

उत्तराखंड में बारिश ने बढ़ई दुश्वारियां, 160 मार्ग बंद

उत्तराखंड में मानसून ने फिर रफ्तार पकड़ ली है। बारिश के कारण पहाड़ों में जगह-जगह भूस्खलन का क्रम जारी है। देहरादून समेत अन्य मैदानी जिलों में बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं। सोमवार को गंगोत्री हाईवे मलबा आने के कारण दिनभर बंद रहा, वहीं बदरीनाथ हाईवे पर भी दिनभर भूस्खलन होता रहा। कुल मिलाकर प्रदेश में  करीब 160 संपर्क मार्ग भूस्खलन के कारण बाधित हैं।

टिहरी में ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर नरेंद्रनगर के पास कुमारखेड़ा में भारी मलबा आने से हाईवे पूरे दिन बंद रहा। गौचर में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग हाईवे मलबा आने से 14 घंटे बंद रहा। रुद्रप्रयाग में गौरीकुंड के पास बंद केदारनाथ हाईवे नौवें दिन भी नहीं खुला। उत्तरकाशी में यमुनोत्री राजमार्ग कुथनौर में बोल्डर गिरने से बंद हो गया है। कोटद्वार में मार्ग अवरुद्ध होने के कारण कोटद्वार-त्रिपालीसैंण बस सेवा बाधित हो गई है। ऑलवेदर कटिंग कार्य शुरू होने के बाद गौचर आइटीबीपी परिसर के समीप पहाड़ी का भूस्खलन आवाजाही के लिए नासूर बन गया है।

उत्तरकाशी के बड़कोट में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुथनौर के समीप पहाड़ी से भूस्खलन होने के कारण रास्ता दोपहर बाद बाधित हो गया। चंपावत जिले के टनकपुर में मूसलधार बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा। किरोड़ा नाले में भी पानी बढऩे से सुबह दो घंटे तक आवाजाही ठप रही। बागेश्वर में बारिश और मलबा आने से 12 सड़कें बंद रहीं। गरुड़ तहसील में मलबे आने से दो मकान ध्वस्त हो गए। पिथौरागढ़ जिले में बारिश थमी रही, लेकिन करीब 20 सड़कों के बंद होने से परेशानी बरकरार है। गोरी नदी घाटी में जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग 29 दिनों से बंद है। इसे सोमवार को भी नहीं खोला जा सका।

लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गढ़वाल मंडल में करीब 100 सड़कें मलबा आने से बाधित हैं, जिन्हें खोलने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि कुमाऊं में भी 60 से अधिक हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक, मंगलवार को देहरादून, पिथौरागढ़ और चमोली में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। प्रदेश के अन्य जिलों में भी हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

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