पद्मश्री 2025: राधा बहन भट्ट और गैंटजर दंपति को मिला सम्मान

गणतंत्र दिवस 2025 की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्म पुरस्कारों की घोषणा की। उत्तराखंड से 91 वर्षीय राधा बहन भट्ट और ह्यू व कोलिन गैंटजर (मरणोपरांत) को साहित्य और शिक्षा – पत्रकारिता में उनके योगदान के लिए पद्मश्री सम्मान प्रदान किया जाएगा।
राधा बहन भट्ट: समाजसेवा का जीवन समर्पण
अल्मोड़ा जिले के धुरका गांव में 16 अक्तूबर 1933 को जन्मीं राधा बहन ने 18 वर्ष की आयु में समाजसेवा की शुरुआत की। कौसानी के लक्ष्मी आश्रम से जुड़कर उन्होंने बालिका शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण, ग्राम स्वराज, शराब विरोध आंदोलन और चिपको आंदोलन जैसे कई अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाई। 1957 में भूदान आंदोलन में उनकी यात्रा प्रारंभ हुई।
उन्होंने सरला बहन से प्रेरित होकर महिलाओं और बच्चों के सशक्तीकरण के लिए काम किया। 1975 में सरला बहन के जन्मदिन पर 75 दिनों की पदयात्रा कर वन संरक्षण और सामाजिक जागरूकता का संदेश फैलाया। इसके अलावा, उन्होंने खनन के खिलाफ और हाइड्रो पावर परियोजनाओं के विरोध में भी अभियान चलाए।
ह्यू और कोलिन गैंटजर: पत्रकारिता में योगदान
ह्यू और कोलिन गैंटजर ने उत्तराखंड में साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में अहम योगदान दिया। मरणोपरांत पद्मश्री से सम्मानित होने वाले गैंटजर दंपति को उनके अनुकरणीय कार्यों के लिए याद किया जाएगा।