पंचायत चुनावों पर लगी रोक हटी, हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को दिए नए कार्यक्रम जारी करने के निर्देश

उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर हाईकोर्ट ने बड़ा निर्णय दिया है। राज्य में पंचायत चुनावों पर लगी रोक हटा दी गई है। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक महारा की खंडपीठ ने शुक्रवार को यह आदेश सुनाया। अदालत ने राज्य चुनाव आयोग को तीन दिन आगे बढ़ाकर नया चुनाव कार्यक्रम जारी करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि अदालत ने राज्य सरकार से आरक्षण रोस्टर में कथित अनियमितताओं को लेकर दाखिल याचिकाओं पर तीन सप्ताह के भीतर जवाब भी मांगा है। इन याचिकाओं में ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर आरक्षण आवंटन पर सवाल उठाए गए हैं।
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याचिकाकर्ताओं का कहना है कि कुछ सीटें लगातार एक ही वर्ग को दी जा रही हैं, जो संविधान के अनुच्छेद 243 और सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है। उनके अनुसार, यह आरक्षण में घालमेल और लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व में असंतुलन की स्थिति पैदा करता है। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता एस.एन. बाबुलकर और मुख्य स्थायी अधिवक्ता सी.डी. रावत ने तर्क दिया कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के आधार पर पिछले रोस्टर को अमान्य करना और नया रोस्टर जारी करना अनिवार्य था।
उल्लेखनीय है कि 23 जून को हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगाई थी, जबकि इससे पहले राज्य चुनाव आयोग द्वारा अधिसूचना जारी की जा चुकी थी। अब अदालत की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद राज्य चुनाव आयोग को संशोधित कार्यक्रम तीन दिन की देरी के साथ जारी करना होगा।