पौधा उपहार में भेंट 20 सालों का संघर्ष: डॉ सोनी
देहरादून: उत्तराखंड के प्रवक्ताओं की मसीही ध्यान केन्द्र में बारह तारीख से चल रहे कार्यशाला का विधिवत समापन हो गया हैं ।
समापन पर पर्यावरणविद वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी ने हिमानी बिष्ट (उपनिदेशक) सुनीता भट्ट (सहायक निदेशक) सोहन सिंह नेगी (समन्वय भूगोल) डॉ रमेश पंत (प्रवक्ता) शशी शेखर शुक्ला (प्रवक्ता) डॉ गंगा घुँघत्याल (समन्वय अर्थशास्त्र) डॉ उमेश चमोला (प्रवक्ता) सहित 10 लोगो को तुलसी का देवपौधा उपहार में भेंट किया।
कार्यशाला में अपने संबोधन में पर्यावरणविद वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी ने कहा पौधे उपहार में भेंट करने की सीख मुझे मेरे माता पिता से मिली हैं। बचपन में गांव में पौधारोपण के समय जो पौधा लगाने के लिए मेरी माँ मेरे हाथ में देती थी ।उस पौधे को में अपने पिता जी के हाथ में देता था ।इसी लेने देने की प्रक्रिया को मैंने पौधा उपहार में भेंट करने की परम्परा बना डाली जिसका नाम मैंने “वृक्ष भेंट आंदोलन” रखा हैं।
उन्होंने कहाकि जब में पौधा उपहार में भेंट करने जाता था कई लोग कहते क्या पौधा उपहार में भेंट करने की चीज हैं, पौधा कोन करता हैं भेंट, अच्छा उपहार लाते। मुझे पौध भेंट में देने में बहुत दिक्कत होती थी लेकिन मैं जबतक पौधा उपहार में नही देता वहां से हटता नही था और आज वो 20 सालों का संघर्ष रंग लाया कई ख्याति प्राप्त व्यक्ति, लोग, संस्थाएं पौधे उपहार में भेंट करते हैं ।
मुझे बड़ी खुसी होती हैं जिस पौधे को उपहार में देने के लिए लोग मुझे दुत्कारते थे आज वही संघर्ष समाज में एक पौध उपहार में भेंट करने की परम्परा बन गई हैं। इसके पीछे मेरा उद्देश्य पौधों को भावनाओं से जोड़कर उनका संरक्षण करना है ।
इसलिए में पौधे उपहार में भेंट करता हूं। उपनिदेशक हिमानी बिष्ट ने डॉ सोनी के पौधा उपहार में भेंट करने की अपील की प्रनशासा की और कहा खुशहाल जीवन पेड़ पौधों के होने से हैं हर व्यक्ति को जीवन में एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए।
सोहन सिंह नेगी (समन्वय भूगोल) ने पर्यावरण को जीवन का अंग कहा उन्होंने ने डॉ सोनी द्वारा चलाया जा रहा वृक्ष मित्र अभियान के तहत गांव के जन जन व नौनिहालों को जागरूक व प्रेरित करने की जिम्मेदारी की तारीफ की हैं और कहा इसका परिणाम आनेवाले समय में समाज में दिखेगा।
कार्यक्रम में सोहन नेगी, शेर राम टम्टा, संदीप कुमार, कैलाश, हरेंद्र रावत, संजय नेगी, नेत्रसिह, ऋचा, संगीता, पुष्पा, सुनीता आदि उपस्थित रहे ।