पीजी अवकाश विवाद पर डॉक्टरों को मिला भरोसा, स्वास्थ्य सचिव ने दिया समाधान का आश्वासन

पीजी अवकाश विवाद पर डॉक्टरों को मिला भरोसा, स्वास्थ्य सचिव ने दिया समाधान का आश्वासन

प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. मनोज वर्मा के नेतृत्व में स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार से भेंट की। इस दौरान राज्य के विशेषज्ञ चिकित्सकों से संबंधित कई लंबित मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। प्रतिनिधिमंडल ने खास तौर पर उन चिकित्सकों की समस्या को प्रमुखता से उठाया जो वर्ष 2016 और 2017 में पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) में गए थे और जिनके लिए स्वीकृत “असाधारण अवैतनिक अवकाश” (EOL) को अब “अवैतनिक अध्ययन अवकाश” (Study Leave Without Pay) में परिवर्तित किए जाने की मांग की गई।

संघ का कहना था कि यह परिवर्तन न केवल सेवा पुस्तिका में स्पष्टता लाएगा बल्कि इससे डॉक्टरों की वरिष्ठता, पदोन्नति, भविष्य की पोस्टिंग व अन्य सेवा लाभों पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। प्रतिनिधिमंडल ने यह भी कहा कि अन्य राज्यों में ऐसे मामलों में अध्ययन अवकाश को मान्यता दी गई है, ऐसे में उत्तराखंड में भी डॉक्टरों के हित में यह निर्णय जरूरी है।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने प्रतिनिधिमंडल की मांगों को गंभीरता से सुनते हुए उन्हें आश्वस्त किया कि राज्य सरकार चिकित्सकों की समस्याओं को लेकर पूरी तरह संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि अध्ययन अवकाश से जुड़ा यह विषय तकनीकी व प्रशासनिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसे प्राथमिकता के साथ निस्तारित किया जाएगा। डॉ. कुमार ने स्पष्ट किया कि शासन की मंशा डॉक्टरों को बिना अनावश्यक अड़चनों के सेवा देने का अवसर प्रदान करना है और उनके सेवा रिकॉर्ड से जुड़े सभी मसलों को पारदर्शिता और नियमों के अनुरूप हल किया जाएगा।

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उन्होंने यह भी कहा कि चिकित्सा सेवाओं को मजबूत करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है और चिकित्सकों का मनोबल बढ़ाना इस दिशा में एक अहम कदम है। डॉ. कुमार ने यह भरोसा भी दिलाया कि संबंधित विभागों के साथ समन्वय कर इस विषय पर शीघ्र सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।

इस सकारात्मक वार्ता से चिकित्सा समुदाय में एक नई आशा का संचार हुआ है। उपस्थित डॉक्टरों ने विश्वास जताया कि राज्य सरकार द्वारा जल्द ही इस मामले में चिकित्सकों के हित में निर्णय लिया जाएगा। इस अहम बैठक में डॉ. परमार्थ जोशी, डॉ. निशांत अंजुम और डॉ. अभिषेक नौटियाल भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे।

Saurabh Negi

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