पिथौरागढ़ : धारचूला में बादल फटने से तबाही, पुल बहा, 50 से अधिक परिवारों ने स्कूलों में ली शरण

पिथौरागढ़ : धारचूला में बादल फटने से तबाही, पुल बहा, 50 से अधिक परिवारों ने स्कूलों में ली शरण

पिथौरागढ़, 9 जुलाई — उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में बारिश का कहर लगातार जारी है। मंगलवार को धारचूला तहसील के तल्ला दारमा घाटी के उमचिया क्षेत्र में अचानक तेज बारिश और गड़गड़ाहट के साथ नेहल गाड़ नदी में जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया। आशंका जताई जा रही है कि ऊपरी क्षेत्रों में बादल फटने की घटना हुई है, जिससे PMGYSY के तहत बना 2.13 करोड़ रुपये की लागत वाला 36 मीटर लंबा मोटर पुल और पीडब्ल्यूडी का लकड़ी पुल नदी के तेज बहाव में बह गए। तेजी से बढ़ते जलस्तर को देखते हुए ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। 50 से अधिक परिवारों ने अपने घर छोड़कर रातभर स्कूलों और गोरखा रेजीमेंट की पोस्टों में शरण ली। डर और अनिश्चितता के बीच लोगों ने जागकर रात काटी। कई घरों में पानी और मलबा घुस गया, जिससे दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

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पुलों के बह जाने से उमचिया और आसपास के इलाकों का मुख्य मार्ग संपर्क पूरी तरह टूट गया है। ग्रामीणों को राशन, चिकित्सा और आपात सेवाओं तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। बच्चों की स्कूल जाने की व्यवस्था भी प्रभावित हुई है।

बिष्ट कॉलोनी में भूस्खलन के चलते 8 से अधिक मकान खतरे की जद में आ गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बारिश थमने के बाद भी जमीन खिसक रही है, जिससे उन्हें अपना घर खाली करने को मजबूर होना पड़ रहा है। कई लोगों ने घरों से सामान निकालकर सुरक्षित जगहों पर शरण ली है। तेज बहाव में दो बिजली के खंभे बह गए, जिससे पूरे क्षेत्र की बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। मोबाइल नेटवर्क और अन्य संचार सेवाओं पर भी असर पड़ा है।

एसडीएम जितेंद्र वर्मा ने बताया कि घटना की गंभीरता को देखते हुए राजस्व विभाग की टीम मौके पर भेज दी गई है। प्रारंभिक जांच में करोड़ों रुपये की क्षति का अनुमान है। नुकसान का विस्तृत आंकलन कर शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि प्रभावित परिवारों को शीघ्र अस्थायी आवास, खाद्य सामग्री और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए। वहीं बह चुके पुलों का जल्द निर्माण शुरू कर आवागमन को बहाल किया जाए।

Saurabh Negi

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