पिथौरागढ़ में फिर दरका पहाड़, खतरे में 18 परिवार

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में लगातार बारिश से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। तेजम तहसील के दाफा ग्राम पंचायत के पल्ला धापा गांव में गुरुवार को पहाड़ दरकने लगा, जिससे गांव के 18 परिवार खतरे में आ गए। अचानक हुई इस घटना से ग्रामीणों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
स्थानीय युवाओं ने देर रात ही गांव से करीब आधा किलोमीटर दूर सुरक्षित स्थान पर टेंट लगाकर प्रभावित परिवारों को शिफ्ट किया। पहले ही 15 परिवार विस्थापित हो चुके थे। अब तक कुल 33 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। ग्रामीणों के मुताबिक पहाड़ लगातार दरक रहा है, जिससे खतरा बढ़ा हुआ है।
तेज बारिश के कारण गुरुवार सुबह हाईवे समेत 22 मोटर मार्ग बंद हो गए। लिपुलेख मार्ग और राष्ट्रीय राजमार्ग पांच घंटे तक बाधित रहे, जबकि थल-मुनस्यारी मार्ग भी कुछ समय के लिए हरड़िया के पास बंद हो गया। शाम तक सभी मार्ग खोल दिए गए। उधर, धारचूला के तवाघाट मार्ग पर बुधवार शाम घटधार के पास मलबा आने से रास्ता बंद हो गया। इससे उच्च हिमालय से लौट रहे यात्री फंस गए। रात करीब दस बजे सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाला। इनमें एक यात्री की तबीयत खराब थी, जिसे अस्पताल ले जाकर प्राथमिक उपचार के बाद घर पहुंचाया गया।
पल्ला धापा गांव में भूस्खलन की जानकारी मिलते ही आसपास के गांवों के युवक—भगत बाछमी, कुणाल राठौर, गौरव, गोविंद राणा, ललित राणा, दीपा उत्तराखंडी और अन्य लोग मौके पर पहुंचे। नायब तहसीलदार प्रकाश जोशी और राजस्व टीम ने प्रशासन की ओर से पहले से उपलब्ध कराए गए टेंट लगवाकर परिवारों को सुरक्षित ठिकानों पर रखा। गुरुवार को प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को राशन किट और अन्य आवश्यक सामग्री भी उपलब्ध कराई।
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बीते दिनों हुई आपदा में वल्ली दाफा गांव में सात मकान ध्वस्त हो चुके हैं और 15 परिवार पहले ही विस्थापित किए जा चुके थे। भू-वैज्ञानिकों द्वारा किए गए सर्वे के बाद गांव को असुरक्षित मानते हुए सुरक्षित स्थान पर विस्थापन की सिफारिश की गई है।