पीएम मोदी ने उद्यमी भारत कार्यक्रम के तहत एमएसएमई सेक्टर को कई नई योजनाओं की सौगात दी

पीएम मोदी ने उद्यमी भारत कार्यक्रम के तहत एमएसएमई सेक्टर को कई नई योजनाओं की सौगात दी

नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विज्ञान भवन में ‘उद्यमी भारत’ कार्यक्रम में भाग लिया। पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम के जरिए एमएसएमई के लिए कई नई योजनाओं को हरी झंडी दिखाई। पीएम ‘एमएसएमई के प्रदर्शन को बढ़ाने एवं तेज करने’ (आरएएमपी) और ‘पहली बार के निर्यातक एमएसएमई के लिए क्षमता निर्माण’ (सीबीएफटीई) योजना (सीबीएफटीई) और ‘प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम’ (पीएमईजीपी) योजानाओं की नई विशेषताओं की शुरुआत भी की।

राष्ट्रीय एमएसएमई पुरस्कार किए वितरित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के एमएसएमई क्षेत्र के विकास और विकास में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए एमएसएमई, राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों, आकांक्षी जिलों और बैंकों के योगदान की मान्यता के लिए राष्ट्रीय एमएसएमई पुरस्कार 2022 वितरित किए।

एमएसएमई के उत्थान के लिए सरकार वचनबद्ध

इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नरायण राणे ने कहा कि सरकार एमएसएमई के उत्थान के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं और इसी के चलते आज नई विशेषताओं का शुभारंभ किया जा रहा है।

पीएमईजीपी लाभार्थियों को दी  500 करोड़ से ज्यादा की डिजिटल सहायता 

पीएम मोदी ने योजनाओं की शुरुआत के साथ ही 2022-23 के लिए पीएमईजीपी के 18000 लाभार्थियों को डिजिटल रूप से 500 करोड़ से ज्यादा की सहायता राशि भी हस्तांतरित की। इस कार्यक्रम में एमएसएमई आइडिया हैकथान 2022 के परिणामों की घोषणा, राष्ट्रीय एमएसएमई पुरस्कार और आत्मनिर्भर भारत (एसआरआई) फंड में 75 एमएसएमई को डिजिटल इक्विटी प्रमाणपत्र भी जारी किए गए।

MSME के लिए पहले से चल रही कई योजनाएं

बता दें कि सरकार पहले भी समय-समय पर MSME क्षेत्र को आवश्यक और समय पर सहायता प्रदान करने के लिए MUDRA योजना, आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना और पारंपरिक उद्योगों के उत्थान के लिए फंड की योजना (SFURTI) जैसी कई पहल शुरू कर चुकी है, जिससे करोड़ों लोगों को लाभ हुआ है।

पीएमईजीपी में अब मिलेगी कई सुविधाएं

‘प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम’ (पीएमईजीपी) की नई विशेषताओं के शुभारंभ से एमएसएमई को काफी फायदा होने वाला है। इसके तहत विनिर्माण क्षेत्र के लिए अधिकतम परियोजना लागत में 50 लाख रुपये (25 लाख रुपये से) और सेवा क्षेत्र में 20 लाख रुपये (10 लाख रुपये से) की वृद्धि की जाएगी। वहीं नई योजना के तहत अब आकांक्षी जिलों और ट्रांसजेंडरों के आवेदकों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। साथ ही, आवेदकों और उद्यमियों को बैंकिंग, तकनीकी और विपणन विशेषज्ञों की नियुक्ति के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी।

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