उत्तराखंड में पीएम पोषण योजना से पोषण गायब, 50 से अधिक स्कूलों की रिपोर्ट ने खोली पोल

उत्तराखंड में पीएम पोषण योजना से पोषण गायब, 50 से अधिक स्कूलों की रिपोर्ट ने खोली पोल
फाइल फोटो

उत्तराखंड में स्कूली बच्चों के लिए चलाई जा रही पीएम पोषण योजना की सच्चाई चौंकाने वाली निकली है। शिक्षा विभाग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि प्रदेश के 50 से अधिक विद्यालयों में बच्चों को मिलने वाले भोजन में तय मानक के अनुसार प्रोटीन और ऊर्जा की मात्रा नहीं पाई गई। यह रिपोर्ट एनएबीएल प्रमाणित लैब की जांच में सामने आई, जिसे मानवाधिकार आयोग में पेश किया गया। मानवाधिकार कार्यकर्ता भूपेंद्र कुमार की शिकायत पर यह जांच शुरू हुई थी। आयोग के निर्देश पर देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल, ऊधम सिंह नगर, बागेश्वर और अल्मोड़ा जिलों के कई स्कूलों का भोजन परीक्षण कराया गया।

और परिणाम चौंकाने वाले रहे—22 स्कूलों में बच्चों के भोजन में प्रोटीन बिल्कुल नहीं मिला, जबकि 6 स्कूलों में ऊर्जा का स्तर शून्य पाया गया। शिक्षा विभाग ने माना कि भोजन में पोषण की कमी से योजना का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है। इसलिए संबंधित विद्यालयों को चेतावनी जारी कर गुणवत्ता सुधारने के निर्देश दिए गए हैं।

ये हैं मानक और हकीकत:

सरकार ने तय किया है कि प्राथमिक स्तर तक के बच्चों को 12 ग्राम प्रोटीन और 450 ग्राम ऊर्जा वाला भोजन मिलना चाहिए। उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को 20 ग्राम प्रोटीन और 700 ग्राम ऊर्जा का प्रावधान है।

1. प्राथमिक : कैलोरी 450 और प्रोटीन 12 ग्राम
2. उच्च प्राथमिक: कैलोरी 700 ग्राम और प्रोटीन – 20 ग्राम

प्रति बच्चा प्रति दिन भोजन मानदंड:
1. प्राथमिक: खाद्यान्न – 100 ग्राम; दालें- 20 ग्राम, सब्जियां – 50 ग्राम, तेल और वसा – 5 ग्राम, नमक और मसाले –
आवश्यकतानुसार।
2. उच्च प्राथमिक: खाद्यान्न  150 ग्राम, दालें – 30 ग्राम, सब्जियां 75 ग्राम, तेल और वसा 7.5 ग्राम, नमक और मसाले – आवश्यकतानुसार।

जिलेवार आंकड़े :-

अल्मोड़ा

  • 2 प्राथमिक विद्यालयों में प्रोटीन औसतन 11.29 ग्राम पाया गया, जबकि ऊर्जा का स्रोत पूरी तरह गायब था।

  • 3 विद्यालयों (प्राथमिक से उच्च प्राथमिक) में प्रोटीन 15.77 से 19.21 ग्राम के बीच रहा।

  • ऊर्जा 677 से 681 ग्राम मिली, लेकिन एक स्कूल में ऊर्जा नहीं मिली।

देहरादून

  • 2 प्राथमिक विद्यालयों में से एक में प्रोटीन बिल्कुल नहीं मिला और दूसरे में 9.63 ग्राम पाया गया।

  • ऊर्जा की मात्रा 327 से 397 ग्राम रही।

  • उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 1 में प्रोटीन नहीं था, जबकि 2 में यह 14.75 से 19.93 ग्राम रहा।

  • ऊर्जा एक विद्यालय में शून्य और अन्य में 547 से 661 ग्राम मिली।

बागेश्वर

  • 4 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रोटीन की मात्रा 15.27 से 19.42 ग्राम रही।

  • एक स्कूल में ऊर्जा शून्य थी और बाकी विद्यालयों में यह 316 से 656 ग्राम के बीच रही।

हरिद्वार

  • 4 प्राथमिक विद्यालयों में से 1 में प्रोटीन नहीं था, जबकि 3 में यह 10.94 से 11.78 ग्राम के बीच रहा।

  • ऊर्जा 282 से 333 ग्राम मिली।

  • 5 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कहीं भी प्रोटीन नहीं मिला।

  • ऊर्जा 595 से 672 ग्राम के बीच रही।

पौड़ी

  • 5 प्राथमिक विद्यालयों में से 1 में प्रोटीन नहीं था, बाकी 4 में यह 10.26 से 11.85 ग्राम के बीच रहा।

  • 5 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में से 1 में प्रोटीन नहीं मिला, बाकी में यह 10.26 से 19.51 ग्राम तक पाया गया।

नैनीताल

  • 6 प्राथमिक विद्यालयों में प्रोटीन बिल्कुल नहीं मिला।

  • ऊर्जा 373 से 443 ग्राम के बीच रही।

  • 2 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 1 में प्रोटीन नहीं था और दूसरे में 19.7 ग्राम मिला।

  • ऊर्जा 624 से 648 ग्राम के बीच रही।

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ऊधम सिंह नगर

  • 7 प्राथमिक विद्यालयों में से 6 में प्रोटीन नहीं मिला।

  • ऊर्जा 4 विद्यालयों में शून्य और बाकी 2 में 380 से 387 ग्राम रही।

  • 4 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में से 1 में प्रोटीन नहीं था, 2 में यह 17.18 से 17.99 ग्राम रहा और 1 में मानक से अधिक 21.42 ग्राम मिला।

  • ऊर्जा 492 से 669 ग्राम के बीच पाई गई।

लेकिन वास्तविकता में उत्तराखंड के अधिकांश स्कूल इस मानक से पीछे पाए गए हैं।

Saurabh Negi

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