आत्मनिर्भर नारी शक्ति से संवाद कार्यक्रम में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कृषि सखी चंपा सिंह से करेंगे संवाद

आत्मनिर्भर नारी शक्ति से संवाद कार्यक्रम में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कृषि सखी चंपा सिंह से करेंगे संवाद

नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज आत्म-निर्भर नारी शक्ति से संवाद कार्यक्रम में भाग लेंगे। ‘आत्म-निर्भर नारी शक्ति से संवाद” कार्यक्रम के तहत आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मास्टर कृषि सखी(सीआरपी) चंपा सिंह से संवाद करेंगे। मध्‍य प्रदेश के अनूपपुर जिले की चंपा सिंह कम लागत वाली कृषि तकनीकी व जैविक कृषि प्रोत्साहन के लिए कार्य कर रही हैं। वे अपनी मेहनत की वजह से महिला सशक्‍तीकरण की पर्याय बन चुकी हैं। जिले के आदिवासी बहुल अंचल पुष्पराजगढ़ तहसील के एक छोटे से गांव की चंपा ने कम समय में जो सफलता हासिल की, उसी के बदौलत उन्हें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संवाद करने का अवसर हासिल हुआ है।

पीएम मोदी आज दोपहर 12.30 बजे महिला नारी सशक्‍तीकरण के संबंध में बेहतरीन कार्य करने वाले स्व सहायता समूह के सदस्यों से संवाद करेंगे। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दूरदर्शन पर किया जाएगा। इस दौरान प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, तमिलनाडु, मणिपुर के स्व-सहायता समूहों से जुड़ी आत्मनिर्भर महिलाओं से भी चर्चा करेंगे।

मास्टर कृषि सखी चंपा सिंह विभिन्न राज्यों में कृषि सखी के रूप में कृषकों का सहयोग कर चुकी हैं। समूह से जुड़कर वे स्वयं आत्मनिर्भर हुई हैं। उन्‍होंने अपने गांव, जिला, प्रदेश के साथ अन्य प्रदेशों में भी आजीविका सुदृढ़ीकरण के लिए उन्न्त कृषि तकनीक, जैविक पद्धति को अपनाने के लिए समूह सदस्यों और कृषकों को जागरुक किया है।

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एलएम बेलवाल ने बताया कि मिशन के माध्यम से समूह के सदस्यों, ग्राम संगठनों, संकुल स्तरीय संघों और बैंक ऋण के रूप में सस्ती ब्याज दरों पर आसान प्रक्रिया से वित्तीय सहायता की जाती है। ताकि उन्हें बिना कठिनाई के आजीविका गतिविधियां शुरू और मजबूत करने का अवसर मिल सके।

प्रशिक्षण के दौरान हुई पहली आय

हरियाणा, उत्तर प्रदेश तथा पंजाब में भी चंपा ने जैविक कृषि पद्धति का प्रशिक्षण लिया। उन्हें हरियाणा के झज्जर विकास खंड में कार्य करने का मौका मिला। 15 दिन के मानदेय के रूप में पहली आय 11600 रुपये हुई। इसके बाद उन्होंने जैविक खेती के प्रशिक्षण को ही मुख्य काम बना लिया। चंपा अब तक करीब 5500 परिवार को यह प्रशिक्षण दे चुकी हैं। एक बार के प्रशिक्षण के बदले 700 रुपये मानदेय प्राप्त होता है।

admin

Leave a Reply

Share