पायलट समर्थक विधायकों ने पार्टी आलाकमान को दिया अल्टीमेटम, मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों का काम पूरा किया जाए

पायलट समर्थक विधायकों ने पार्टी आलाकमान को दिया अल्टीमेटम, मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों का काम पूरा किया जाए

जयपुर,  कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के भाजपा में जाने के बाद राजस्थान कांग्रेस में भी सरगर्मी तेज हो गई है। पिछले साल पार्टी से बगावत करने वाले पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी वादों पर अमल नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए पार्टी आलाकमान के समक्ष दिल्ली में शक्ति प्रदर्शन के संकेत दिए हैं। उधर, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी व पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र भंवर सिंह की ओर से समर्थन में बयान दिए जाने से पायलट खेमा उत्साहित है। इस बीच अशोक गहलोत ने पायलट खेमे के विधायकों को राज्य से बाहर जाने से रोकने के लिए सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी है।

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा-पार्टी को सत्ता में लाने वाले कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण

गौरतलब है कि पिछले साल जब पायलट ने बगावत की थी तो पार्टी हाईकमान के समझाने पर वह कुछ मांगों के साथ मान गए थे। पायलट का आरोप है कि उनकी मांगों पर अब तक सुनवाई नहीं हुई है। विवादास्पद विषयों के निपटारे के लिए पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बनाई गई तीन सदस्यीय कमेटी की एक भी बैठक नहीं हुई है, जबकि पंजाब के मामले में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

राजेश पायलट की पुण्यतिथि का आयोजन रद कर दिल्ली कूच की बनाई गई रणनीति

सरकार का आधा कार्यकाल पूरा होने पर भी कई मुद्दे अनसुलझे हैं। पार्टी को सत्ता में लाने वाले कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस बीच पायलट खेमा 11 जून को राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर दौसा में आयोजित होने वाली प्रार्थना सभा में विधायकों, पंचायत व स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों की भीड़ जुटा कर शक्ति प्रदर्शन की तैयारी कर रहा था, लेकिन बुधवार शाम को रणनीति बदल दी गई।

कांग्रेस आलाकमान के सामने कराई जाएगी परेड

सूत्र बताते हैं कि अब विधायकों व निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ ही वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली ले जाने की रणनीति बनाई गई है। इन सभी की पार्टी की सोनिया गांधी, राहुल गांधी व प्रियंका गांधी वाड्रा के समक्ष परेड कराई जाएगी। पायलट समर्थक विधायकों ने पार्टी आलाकमान को अल्टीमेटम दिया है कि या तो जुलाई तक मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों का काम पूरा किया जाए, नहीं तो वह आगे निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होंगे।

दो दर्जन विधायकों का साथ होने का दावा

बताया जा रहा है कि पायलट खेमे के इस अल्टीमेटम को जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने के बाद गंभीरता से लिया जा रहा है। पायलट खेमे ने दो दर्जन विधायक अपने साथ होने का दावा किया है। पायलट के खास विधायक इंद्रराज गुर्जर और वेदप्रकाश सोलंकी का दावा है कि गहलोत खेमे और बसपा से कांग्रेस में शमिल होने वाले तीन विधायक भी उनके साथ हैं। इस बीच बुधवार को भी पायलट से कई विधायक मिले हैं।

जितेंद्र ने कहा, पायलट से किए वादे पूरे होने चाहिए

राहुल गांधी के विश्वस्त और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि पायलट से किए गए वादे पूरे होने चाहिए। अब तक राज्य की खेमेबाजी से दूर रहे जितेंद्र सिंह ने कहा कि मैं खुद चाहता हूं कि राजनीतिक नियुक्तियां शीघ्र होनी चाहिए।

विधायक बाहर नहीं जा पाएं, इसलिए सील हो सकती हैं सीमाएं

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी सीआइडी से मिले इनपुट के बाद सतर्क हो गए हैं। दिल्ली सहित अन्य पड़ोसी राज्यों की सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी गई है । सूत्र बताते हैं कि कभी भी सीमाओं को सील किया जा सकता है। दरअसल, राज्य सरकार को इनपुट मिला है कि पायलट खेमे के विधायक कभी भी दिल्ली, गुजरात या हरियाणा जाकर बाड़ेबंदी कर सकते हैं। सीआइडी ने सूचना दी है कि गहलोत खेमे के दो विधायक पायलट के संपर्क में हैं। ऐसे में गहलोत भी अपने खास नेताओं के जरिये विधायकों का मन टटोल रहे हैं ।

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