किसान संगठनों का आज आठवें दिन विरोध-प्रदर्शन जारी, आठ दिसंबर को भारत बंद का किया ऐलान

किसान संगठनों का आज आठवें दिन विरोध-प्रदर्शन जारी, आठ दिसंबर को भारत बंद का किया ऐलान

3 केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली-यूपी-हरियाणा पर चल रहा हजारों किसानों का धरना-प्रदर्शन 9वें दिन में प्रवेश कर गया है। दिल्ली से सटे यूपी और हरियाणा के तकरीबन दर्जनभर बॉर्डर सील हैं, जिससे शनिवार को भी लोगों को आवाजाही में दिक्कत पेश आ रही है।

कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बाॅर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि केंंद्र सरकार बार-बार तारीख दे रही है, सभी संगठनों ने एकमत से फैसला लिया है कि शनिवार को बातचीत का आखिरी दिन है।

  • इस बीच शनिवार दोपहर तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर पिछले 2 महीने से चल रहे किसानों के आंदोलन का रास्ता निकालने के लिए शनिवार दोपहर में केंद्र सरकार और किसान प्रतिनिधियों के बीच 5वें दौर की बातचीत प्रस्तावित है।
  • वहीं, शुक्रवार शाम को किसान संगठनों ने नए कृषि कानूनों को पूरी तरह रद करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ाते हुए आगामी 8 दिसंबर को भारत बंद की घोषणा की है। इसे देश व्यापी बंद बताया जा रहा है।
  • नोएडा सेक्टर-14 ए स्थित चिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसान केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। यहां पर प्रदर्शन कर रहे किसानोें का कहना है कि अगर शनिवार दोपहर को होने वाले किसानों-नेताओं के बीच बैठक का नतीजा नहीं निकला तो फिर वे संसद का घेराव करेंगे।
  • वहीं, सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों के खाने के लिए लंगर की व्यवस्था की गई है। यहां पर खाने-पीने के साथ आराम करने का भी इंतजाम कर दिया गया है।
  • एनएच -24 पर गाजीपुर बॉर्डर (यूपी-दिल्ली बॉर्डर) गाजियाबाद से दिल्ली के लिए बंद कर दिया गया है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने किसानों के विरोध के कारण यह मार्ग बंद किया है।

किसान संगठनों का कहना है कि वे तीनों कानूनों को रद करने पर ही आंदोलन को समाप्त करेंगे। उन्होंने देश के विभिन्न ट्रेड यूनियनों के भी समर्थन का दावा किया। मोर्चा के सदस्य व किसान नेता हरिंदर सिंह लखोवाल ने कहा कि गुरुवार को हुई बैठक में केंद्र सरकार ने नए कृषि कानूनों में बिजली व पराली को लेकर किए गए प्रावधानों को वापस लेने व न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने पर करीब-करीब सहमति दी है। लेकिन, हमने कहा है कि सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाकर कृषि कानूनों को वापस ले।

यह किसानों का कार्यक्रम

  • 5 दिसंबर को किसान देशभर में मोदी सरकार व कॉरपोरेट घरानों का पुलता फूंकेंगे।
  • 7 दिसंबर को जिन लोगों को केंद्र सरकार से पुरस्कार मिले हैं, वे उसे वापस कर आंदोलन का समर्थन करेंगे।
  • 8 दिसंबर को पूरा भारत बंद रहेगा।

उधर, भाकियू के हरियाणा अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि अगर केंद्र सरकार शनिवार को उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती है तो वे आंदोलन तेज करेंगे। राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी ने आठ दिसंबर को भारत बंद की घोषणा का समर्थन किया है।

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