देहरादून में संपन्न हुआ राष्ट्रीय पोषण माह 2025, ‘सुपोषित भारत 2047’ का संकल्प

देहरादून – हिमालयन कल्चरल सेंटर में आयोजित समापन समारोह के साथ राष्ट्रीय पोषण माह 2025 का समापन हुआ। इस अवसर पर “2047 तक सुपोषित भारत” के लक्ष्य को दोहराते हुए महिलाओं, बच्चों और समुदायों में पोषण जागरूकता और व्यवहारिक बदलाव पर बल दिया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सवित्री ठाकुर रहीं। उनके साथ राज्य की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य, कृषि मंत्री गणेश जोशी और केंद्र व राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
सवित्री ठाकुर ने कहा कि पोषण अभियान अब जनआंदोलन बन चुका है, जो हर मां और बच्चे तक संतुलित आहार पहुँचाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा, “पोषण कोई कार्यक्रम नहीं, बल्कि राष्ट्र का नैतिक कर्तव्य है। जब हर थाली संतुलित होगी, तभी देश सशक्त बनेगा।” उन्होंने बताया कि इस बार के पोषण माह में पुरुषों और महिलाओं दोनों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली, जिससे पारिवारिक स्वास्थ्य के प्रति साझा जिम्मेदारी की भावना मजबूत हुई। ठाकुर ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि वे जमीनी स्तर पर परिवर्तन की असली वाहक हैं।
बताये गए आकड़ों के अनुसार, मिशन पोषण 2.0 के तहत देशभर में 14 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से 10 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को पोषण सहायता दी जा रही है। 13 लाख से अधिक कार्यकर्ताओं को Poshan Tracker App से जोड़ा गया है, जिससे वास्तविक समय पर डाटा दर्ज कर पारदर्शी सेवा वितरण सुनिश्चित किया जा रहा है।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के अनुसार, देश में कुपोषण में कमी आई है— ठिगनेपन के मामलों में 38.4% से 35.5% तक और कम वजन वाले बच्चों के अनुपात में 35.8% से 32.1% तक गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, दो लाख से अधिक आंगनवाड़ी केंद्रों को ‘सक्षम केंद्रों’ में उन्नत किया जा रहा है।
समारोह में सवित्री ठाकुर ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और स्थानीय उत्पादकों से संवाद किया तथा मोटे अनाज (मिलेट्स) आधारित उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत ₹1.56 करोड़ की धनराशि 5,211 लाभार्थियों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से प्रदान की।
राज्य मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि बच्चों और माताओं का पोषण ही “स्वर्णिम भारत” की नींव है, जबकि गणेश जोशी ने पोषण और स्थानीय कृषि में मिलेट्स की भूमिका पर जोर दिया।
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‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार’ थीम पर आयोजित 8वां राष्ट्रीय पोषण माह सचेत खानपान, बाल देखभाल और स्थानीय खाद्य उत्पादों के प्रचार पर केंद्रित रहा। अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान उन्नत आंगनवाड़ी केंद्रों और डिजिटल ट्रैकिंग के माध्यम से निरंतर जारी रहेगा, ताकि 2047 तक सशक्त और सुपोषित भारत का लक्ष्य साकार हो सके।